महाकाल शक्तिपीठ मंदिर का होगा विकास
तलवाडांगा स्थित महाकाल शक्तिपीठ मंदिर प्रांगण में गुरुवार को मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक हुई। इसमें मंदिर के सर्वागीण विकास व समस्याओं पर चर्चा की गई। मंदिर के विकास के लिए रूप-रेखा तैयार की गई।

जागरण संवाददाता, पाकुड़ : तलवाडांगा स्थित महाकाल शक्तिपीठ मंदिर प्रांगण में गुरुवार को मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक हुई। इसमें मंदिर के सर्वागीण विकास व समस्याओं पर चर्चा की गई। मंदिर के विकास के लिए रूप-रेखा तैयार की गई। बैठक में शामिल मंदिर के संस्थापक स्वामी सिद्धार्थ परमहंस महाराज ने मंदिर से संबंधित समस्याओं से प्रबंधन समिति के सदस्यों को अवगत कराया। समस्याओं को शीघ्र दूर करने का निर्णय लिया गया।
स्वामी ने बताया कि मंदिर की दीवार से सटे नाली का पानी मंदिर के पूजन गृह में सालों भर जमा रहता है। वर्तमान में भी काफी मात्रा में पानी जमा है। इससे पूजन करने में परेशानी हो रही है। कमरा में इतना पानी जमा है कि वहां घुस पाना मुश्किल है। इस समस्या को दूर करने के लिए आसपास के लोगों का सहयोग लेना पड़ेगा। मंदिर के ठीक पीछे मंदिर के नाम से दर्ज जमीन पर भी चर्चा हुई। खाली पड़ी जमीन पर भविष्य में किसी प्रकार का काम करने का निर्णय लिया गया। स्वामी ने कहा कि मंदिर का विकास तभी संभव है जब हिदू समाज जागृत होंगे। इसके लिए लोगों को मिलजुल कर प्रयास करना होगा। यह मंदिर काफी पुरानी है। मंदिर की जब स्थापना हुई थी उस समय आसपास में महज एकाध घर ही थे। इसके बाद सर्वसम्मति से अनुग्राहित प्रसाद साह को महाकाल शक्तिपीठ मंदिर का संरक्षक मनोनीत किया गया। इस मौके पर पूर्व विधायक वेणी प्रसाद गुप्ता, नप अध्यक्ष संपा साह, मदनकांत, टीपी मिश्रा, धर्मेंद्र त्रिवेदी, धनंजय चौबे, रविशंकर झा, कुणाल प्रियदर्शी, शबरी पाल, नीरज त्रिवेदी, शीखा देवी, पार्वती देवी, प्राची चौधरी, धर्मेंद्र साह, पिका पटेल उपस्थित थे।
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