Jharkhand Election: पाकुड़ के आजसू प्रत्याशी अजहर पर बम से हमला, गाड़ियां क्षतिग्रस्त; मौके पर पहुंचे अधिकारी
Jharkhand Politics News Hindi पाकुड़ विधानसभा सीट से आजसू प्रत्याशी अजहर इस्लाम पर अपराधियों ने बम से हमला किया लेकिन वह बाल-बाल बच गए। उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस घटना की जांच में जुट गई है। अजहर इस्लाम ने वीडियो जारी कर कहा कि प्रतिद्वंद्वी हार के डर से बौखला गए हैं और यह दूसरी बार जानलेवा हमला है।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज। पाकुड़ विधानसभा सीट से आजसू प्रत्याशी अजहर इस्लाम पर शनिवार की रात कोटालपोखर के विजयपुर में अपराधियों ने बमों से हमला कर दिया। उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि, वह बाल-बाल बच गए।
घटना की सूचना मिलने पर एसडीपीओ नितिन खंडेलवाल, कोटालपोखर थानेदार चंदन कुमार भैया के साथ-साथ आसपास के कई थाना क्षेत्रों की पुलिस पहुंची और जांच में जुट गई। अजहर इस्लाम बरहड़वा से जनसंपर्क कर वापस लौट रहे थे, तभी यह घटना हुई।
उनकी ओर से एक वीडियो जारी किया गया जिसमें वाहन पर बम चलने के निशान हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी हार के डर से बौखला गए हैं। उनपर दूसरी बार जानलेवा हमला कराया गया है। कहा कि क्या यह बंगाल है? मैं पूछता हूं यहां की हेमंत सरकार व यहां के प्रशासन से कि यह कहां तक उचित है।
इसका खामियाजा विपक्ष को हार से मिलेगा। जीवन में पहली बार चुनावी मैदान में आया तो विपक्ष जान लेने पर उतारू हो गया। अगर ताकत है लोकतंत्र के तरीके से लड़ो। उधर, एसडीपीओ नितिन खंडेलवाल ने बताया कि प्रत्याशी ने हमले की शिकायत की है। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
कांटे की लड़ाई में फंसी महेशपुर सीट, लगेगी हैट्रिक या खिलेगा कमल
महेशपुर एसटी सुरक्षित विधानसभा सीट में महागठबंधन के झामुमो प्रत्याशी प्रोफेसर स्टीफन मरांडी एवं एनडीए गठबंधन के भाजपा प्रत्याशी नवनीत हेंब्रम के बीच कांटे की लड़ाई है।
इस चुनाव में स्टीफन जहां अपनी जीत की हैट्रिक लगाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। वहीं भाजपा प्रत्याशी नवीनीत हेम्ब्रम महेशपुर में 25 सालों से बंजर रही भूमि पर कमल खिलाने के लिए आतुर दिख रहे हैं। नवनीत राजनीति में नया चेहरा हैं और महेशपुर में पुलिस अधिकारी रहते यहां काफी लोकप्रिय हो गए थे।
यही कारण है कि इस बार वे स्टीफन को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। हालांकि महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में झामुमो के जीत का रिकार्ड काफी बेहतर है। दो बार से जीतते रहे हैं स्टीफन प्रो. स्टीफन मरांडी पिछले दो विधानसभा चुनाव 2014 एवं 2019 में झामुमो की टिकट पर महेशपुर से विधायक निर्वाचित हुए हैं।
इस दौरान वे बीस सूत्री के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए । इस चुनाव में स्टीफन अपनी बेटी के लिए पार्टी से टिकट चाह रहे थे परंतु महेशपुर के मजबूत भाजपा प्रत्याशी को देखते हुए पार्टी ने उन्हें ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।
वहीं, इस बार भाजपा ने पिछले प्रत्याशी व पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन का टिकट काट पुलिस अधिकारी की नौकरी छोड़ आए नवनीत हेम्ब्रम को प्रत्याशी बनाया है। यहां नवनीत की बेहतर छवि ने यहां के समर को काफी रोचक बना दिया है।
1999 में मिली थी भाजपा को जीत
महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को पहली जीत 1999 के चुनाव में मिली थी। उस समय यह बिहार का हिस्सा था। यहां से भाजपा के टिकट पर देवीधन बेसरा विधायक चुने गए थे। साल 2000 में झारखंड बनने के बाद देवीधन बेसरा को बाबुलाल मरांडी की सरकार में मंत्री बनाया गया था।
इसके बाद से महेशपुर सीट पर भाजपा के फूल नहीं खिल सके हैं। हालांकि देवीधन राजमहल लोकसभा क्षेत्र से एक बार सांसद भी चुने गए थे। इस बार भाजपा को महेशपुर में 1999 का इतिहास दोहराने की उम्मीद है। जबकि स्टीफन हैट्रिक की चाहत पूरा करने में लगे हैं।
किस्मत से जीत गए थे मिस्त्री
2009 के विधानसभा चुनाव में महेशपुर विधानसभा सीट से झाविमो के मिस्त्री सोरेन ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने यहां भाजपा के देवीधन टुडू को हराया था। मिस्त्री के जीत की कहानी भी काफी दिलचस्प है। इस चुनाव में मिस्त्री सोरेन जेवीएम के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे।
इस चुनाव में झामुमो की ओर से सुफल मरांडी ने नामांकन किया था परंतु नामांकन पत्रों की जांच के दौरान सुफल का नामांकन पर्चा रद्द हो गया।
इसके बाद मजबूरी में झामुमो ने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ झाविमो प्रत्याशी मिस्त्री सोरेन को समर्थन दे दिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि मिस्त्री सोरेन ने इस चुनाव में अपनी जीत दर्ज की।
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