Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जब सिक्कों से तौले गए थे BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष 'कैलाशपति मिश्र', एक साल में चखा था दो-दो चुनाव की जीत का स्वाद

    Updated: Mon, 25 Mar 2024 04:30 PM (IST)

    नब्बे के दशक में लोहरदगा लोकसभा सीट पर जीत की तलाश कर रही भाजपा के लिए कार्यकर्ताओं के टूटते हौसले को बचाना ज्यादा बड़ी चुनौती थी और उस समय भाजपा के जिला नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरु कर दी थी। लोकसभा चुनाव से पहले वर्ष 1995 में विधानसभा चुनाव होना था और विधानसभा का चुनाव भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव के ट्रायल के रूप में था।

    Hero Image
    साल 1995 में सिक्कों से तौले गए थे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाशपति मिश्र (फाइल फोटो)

    विक्रम चौहान, लोहरदगा। लोहरदगा लोकसभा सीट पर एक जीत की तलाश कर रही भाजपा के लिए नब्बे के दशक में कार्यकर्ताओं के टूटते हौसले को बचाना ज्यादा बड़ी चुनौती थी। ऐसे में भाजपा के जिला नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव को लेकर एक साल पहले से तैयारी शुरु कर दी थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लोकसभा चुनाव से पहले वर्ष 1995 में विधानसभा का चुनाव था। विधानसभा का चुनाव भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव के ट्रायल की तरह था। कार्यकर्ताओं में एक उत्साह जगाने और उन्हें चुनावी मोड में लाने को लेकर एक ऐसे कार्यक्रम की योजना भाजपा द्वारा तैयार की गई, जिससे भाजपा को लोकप्रियता मिले।

    भाजपा कार्यकर्ताओं ने कैलाशपति मिश्र को तौला था सिक्कों से 

    इसी बीच वर्ष 1995 में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाशपति मिश्र के लोहरदगा आने का कार्यक्रम तय हुआ था। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाशपति मिश्र को लोहरदगा के गुदरी बाजार में सिक्को से तौल कर एक रोचक प्रयोग किया था। उस समय भाजपा का यह कार्यक्रम काफी लोकप्रिय हुआ था।

    विशेष तौर पर युवाओं का जुड़ाव भाजपा के साथ हुआ था। कार्यक्रम को लेकर दुकानदारों और लोगों के घरों से सिक्के जमा किए गए थे। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए भाजपा कार्यकर्ता संजय बर्मन बताते हैं 1995 में विधानसभा का चुनाव होना था और 1996 में लोकसभा का चुनाव होना था।

    भाजपा आज तक लोहरदगा विधानसभा का चुनाव नहीं जीती थी, इस लिए दूरगामी परिणामों को देखते हुए कार्यक्रम को चर्चा में लाने के लिए अद्भुत और अनूठा कार्यक्रम बनाने की योजना बनी।

    इन्होंने तैयार की थी कार्यक्रम की रूपरेखा

    तब के भाजपा जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह, नगर अध्यक्ष देवाशीष कार के साथ स्व. सीताराम शर्मा (बाबा), बृज बिहारी प्रसाद, मजदूर नेता राजवंत सिंह, उत्साही युवाओं में मदन मोहन पाठक, स्व. चंद्रकिशोर उरांव, उमेश कांस्यकार, स्व. तरुण साहू, अशोक खत्री, स्व. सुधीर चौधरी, स्व. काजल दत्ता, स्व. अनिता दत्ता, अजय मित्तल, रामावतार बर्मन , स्व. नरेन राज, राजकिशोर महतो, संजय बर्मन आदि के साथ कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई।

    पूरे बिहार में चर्चा हुई थी इस कार्यक्रम की

    गुदरी बाजार हनुमान मंदिर के सामने, समान तौलने के बड़ा तराजू (कांटा) में कैलाशपति मिश्र के वजन करीब 73 किलोग्राम के हिसाब से एक-एक रुपये का साढ़े 13 हजार के सिक्के से रात्रि में 8:00 बजे तौला गया। यह कार्यक्रम इतना आकर्षक और यादगार बना कि इसकी चर्चा पूरे बिहार में हुई थी।

    वर्ष 1995 में लोहरदगा भाजपा ने पहली बार जीत का आनंद उठाया और सधनू भगत भाजपा के पहले विधायक बने थे। जीत से उत्साहित युवाओं की टोली ने 1996 के लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस के सुमति उरांव को पटकनी देकर भाजपा के ललित उरांव को संसद भेजा था।

    ये भी पढ़ें-

    Lok Sabha Election 2024: चुनाव से पहले अब इस पार्टी को लगा करारा झटका! प्रदेश अध्यक्ष ने थामा BJP का दामन

    झारखंड में सर्वाधिक वोटों से जीतने वाले BJP सांसद का कटा पत्ता, हैट्रिक लगाने वाले पर खेला दांव; क्या है संकेत