सावधान! झारखंड के इस शहर में बच्चों को सिगरेट-गुटखा बेचना पड़ेगा भारी, होगी 7 साल की जेल
लातेहार को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में तम्बाकू सेवन के दुष्परिणामों के बारे में जागरूकता फैलाने और युवाओं को तम्बाकू की लत से दूर रखने पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी चयनित विद्यालय के प्राचार्य नोडल शिक्षक और सीड्स झारखंड के क्षेत्रीय समन्वयक उपस्थित हुए।

जागरण संवाददाता, लातेहार। झारखंड के लातेहार जिले के सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने और टोफेई के दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन को लेकर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की तरफ एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला शिक्षा पदाधिकार प्रिंस कुमार के आदेश से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी राकेश कुमार ने कार्यशाला में उपस्थित सभी पदाधिकारीयों, प्राचार्यों व शिक्षकों का स्वागत किया तथा कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि तम्बाकू सेवन की आदत जनस्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या के रूप में वैश्विक स्तर पर उभर रहा है। इस तंबाकू सेवन के दुष्परिणाम के प्रति अवयस्क और युवा वर्ग में जागरूकता फैलाना बहुत आवश्यक है।
विभाग ने तम्बाकू को लेकर जताई चिंता
- उन्होंने कहा कि हम सब की जिम्मेदारी है कि अपने आने वाले भविष्य की चिंता करते हुए युवाओं को तम्बाकू की लत से दूर रखा जाए।
- उन्होंने बताया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मार्गदर्शन में सोशिओ इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीड्स) द्वारा तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (टोफेई) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वयन हेतु साकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं।
- उन्होंने बताया कि सीड्स झारखण्ड के सहयोग से राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त घोषित कराने हेतु लातेहार जिले में इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है एवं क्रमवार इस कार्यशाला का आयोजन राज्य के सभी जिलों में किया जाएगा।
- उन्होंने सभी प्रतिभागियों को तम्बाकू सेवन न करने का शपथ दिलाई। सीड्स के कार्यक्रम समन्वयक रिम्पल झा ने बताया कि तम्बाकू उत्पाद से बच्चे और युवा वर्ग के लोगों को बचाये जाने की आवश्यकता है।
- ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (2019) द्वारा सम्पूर्ण विश्व में युवाओं द्वारा तम्बाकू सेवन से संबंधित जो आंकड़ें संकलित किये गए हैं वह यह दर्शाते हैं कि भारत में 13-15 वर्ष के 8.5 प्रतिशत छात्रगण किसी न किसी प्रकार के तम्बाकू का उपयोग कर रहे हैं।
शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास ज्यादातर बिकते हैं ऐसे उत्पाद
वहीं, झारखण्ड में यह 5.1 प्रतिशत है जो चिन्ता का विषय है। श्री झा ने कहा कि तम्बाकू सेवन से हर साल देश में लगभग 13 लाख लोगों की मौत हो रही है। तम्बाकू सेवन से खास तौर पर बच्चों, अवयस्कों एवं युवा वर्ग के लोगों को बचाये जाने की आवश्यकता है।
उन्होने कहा प्रायः ऐसा देखा जाता है कि राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास तम्बाकू उत्पाद जैसे कि सिगरेट, बीड़ी पान मसाला, जर्दा एवं खैनी इत्यादि की बिक्री की जाती है।
इससे कम आयु के युवाओं एवं छात्रों में धूम्रपान एवं तम्बाकू सेवन की व्यसन को बढ़ावा मिलता है। कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि बच्चों को तम्बाकू उत्पाद बेचने पर एक लाख का जुर्माना और सात साल की जेल हो सकती है।
इस कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, चयनित विद्यालय के प्राचार्य, नोडल शिक्षक, सीड्स झारखंड के क्षेत्रीय समन्वयक भोला पाण्डेय उपस्थित हुए।
यह भी पढ़ें-
पांच जिलों के पॉलीटेक्निक कॉलेज में होने जा रहा नया काम, छात्र-छात्राओं को मिलेगी एक और सुविधा
मंईयां सम्मान योजना में नया अपडेट, अब आ गई ये बड़ी समस्या; CO से लेकर BDO तक परेशान
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।