लातेहार की सिकनी कोल माइन बंदी से 330 करोड़ का नुकसान, मजदूरों में बढ़ा आक्रोश
लातेहार की सिकनी कोलियरी 15 माह से बंद है, जिससे 330 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है। इससे स्थानीय मजदूर, डीओ होल्डर्स और ट्रक मालिक प् ...और पढ़ें

लातेहार की सिकनी कोल माइन बंदी से 330 करोड़ का नुकसान
दीपक भगत, चंदवा (लातेहार)। चंदवा समेत लातेहार जिले की आर्थिक रीढ़ कही जानेवाली सिकनी कोलियरी विगत 15 माह से बंद पड़ी है। झारखंड राज्य खनिज विकास निगम द्वारा संचालित सिकनी कोल परियोजना अधिकारियों के लापरवाही के कारण बंद पड़ी कोलियरी का खामियाजा स्थानीय मजदूर, डीओ होल्डर्स और ट्रक आनरों का भुगतना पड़ रहा हैं।
कोलियरी के बंद होने के कारण 330 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान लगाया जा रहा है। यदि 60 हजार टन प्रतिमाह के हिसाब से मजदूरी ही निकली जाए तो 1,200 मजदूरों का करीब 78 लाख प्रतिमाह के हिसाब से 15 माह में 11 करोड़ 70 लाख रुपये की मजदूरी खत्म हो गई।
इसी प्रकार रेजिंग का छह करोड़ 60 लाख, कोयला के लगने वाले डीओ में 196 करोड़ पांच लाख और ट्रांसपोर्टिंग में करीब 117 करोड़ का नुकसान हुआ है। इन 15 महीनों की बात की जाय तो कुल मिलाकर लगभग 330 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है।
झारखंड खनिज मजदूर संघ में बढ़ रहा आक्रोश
झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड (जेएसएमडीसी) द्वारा संचालित कोलियरी खोले जाने की प्रक्रिया में विलंब में मजदूर संघ का आक्रोश तीव्रतर होता जा रहा है। संघ अध्यक्ष सत्येंद्र प्रसाद यादव, झारखंड विकास संघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक सह सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार डे समेत अन्य ने कहा है कि जेएसएमडीसी के पदाधिकारी झूठे आश्वासन देना बंद करें और सिकनी कोलियरी खुलवाने की आवश्यक प्रक्रियाएं पूर्ण कराएं अन्यथा अब तीखा आंदोलन चलाया जाएगा।
कोलियरी खोलने की प्रक्रिया प्रगति पर
इस संबंध में जेएसएमडीसी के माइन्स एजेंट उमेश कुमार सिंह ने बताया कि कोलियरी खोलने की प्रक्रिया प्रगति पर है। बहुत जल्द ही रेजिंग का कार्य शुरू कर दिए जाने की उम्मीद है।

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