आई अब आंटी की गारंटी... पत्थरांचल में 10 साल से चल रही 'सत्यनारायण कथा', अब नए सियासी संस्करण की बारी
लोकसभा चुनाव का पहला चरण समाप्त हो चुका है। पहले चरण में 102 सीटों पर मतदान हुआ है। झारखंड में चौथे चरण से मतदान शुरू होगा। झारखंड की 14 सीटों पर जीत के लिए सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में लगी है। उन 14 सीटों में से एक कोडरमा सीट पर भी सियासी दलों की नजर है। इस बार कोडरमा सीट पर नया संस्करण आने की आशंका है।
जागरण संवाददाता, कोडरमा। पत्थरांचल में बीते दस वर्षों से चल रही सत्यनारायण कथा अब अपना नया संस्करण लेकर आनेवाली है। नए संस्करण के कंटेंट में कोई खास बदलाव नहीं होगा, बस केवल कवर पेज का रंग हरा से भगवा हो जाएगा।
दरअसल सत्यनारायण कथा अब डोमचांच से कोडरमा में शिफ्ट हो गई है। लाल-10 के दस लालों में एक रहा यह लाल आंटी के पाला बदल के दौरान लालटेन में तेल भरने में लगा था।
उनके जाने से लालटेन में हुई वैकेंसी में एडजस्ट होने की उम्मीद लगाई थी। सोचा था अबकी तो चांस मार लेंगे, लेकिन आलाकमान ने उस लायक नहीं समझा। अबकी बार भाईसाहब मन बनाने लगे तो चूड़ा-दही में ही दानापुर वाले जनाब ने ऐसा केरोसिन डाला कि अब लालटेन गले में टांगना मुश्किल हो गया।
नए-नए देवों के आगमन से भगवा लोक में बढ़ी बेचैनी
इधर, अब फिर से आंटी की बारी आई तो वह गारंटी लेकर पहुंच गईं सत्यनारायण के द्वार। फिर क्या था, सत्यनारायण जी गमछा बदलकर आ गए उनके साथ। राजनीतिक की लीला ही ऐसी है कि इसकी माया से कोई दूर नहीं रह पाता।
अब सत्यनारायण के वैभव को देख पहले से महावीर की दृष्टि होने टेढ़ी लगी है। आंटी की गारंटी मिलने पर हाल में वह भी हरा गमछा बदलकर भगवा धारण किए हैं।
इधर, नए-नए देवों के आगमन से भगवा लोक में पहले से जमे लोगो को होने बेचैनी लगी है। ऐसे में अब डोमचांच में सत्यानारायण कथा हो अथवा नहीं, कोडरमा में तो महाभारत कथा की गारंटी है। बस देखते रहिये।
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