Jharkhand Paper Leak: पासवर्ड से खुलता था प्रश्नपत्र, क्यूआर कोड से वसूले जा रहे थे पैसे; अब राज से हटा पर्दा
जैक बोर्ड की 10वीं परीक्षा के पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पेपर लीक के तार कोडरमा के अलावा गिरिडीह से भी जुड़े होने के कारण जैक बोर्ड ने इन दोनों जिला प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा है। पुलिस की पूछताछ के बाद इसके तार चतरा से भी जुड़ रहे हैं। एक युवक प्रशांत साव ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर पेपर लीक किया और छात्रों से 350 रुपये मांगे।

संवाद सहयोगी, कोडरमा। Jharkhand News: जैक बोर्ड की दसवीं की परीक्षा के पेपर लीक का केंद्र कोडरमा बन गया है। पेपर लीक के तार कोडरमा के अलावा गिरिडीह से जुड़े होने के कारण इन दोनों जिला प्रशासन से जैक बोर्ड ने स्पष्टीकरण मांगा है।
हालांकि, मामले में से जुड़े एक युवक से पुलिस की पूछताछ के बाद इसके तार चतरा से भी जुड़ रहे हैं। दरअसल कोडरमा के मरकच्चो में एक युवक प्रशांत साव के द्वारा जैक बोर्ड एग्जामिनेशन पेपर 2025 आरिजनल क्वेश्चन के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप क्रिएट किया गया था।
ऐसे किया गया पेपर लीक
इसमें एक क्यूआर कोड शेयर करते हुए छात्रों से प्रश्न पत्र देने के एवज में 350 की मांग की जा रही थी। इस ग्रुप में जुड़ने के लिए इस ग्रुप का लिंक दूसरे सोशल मीडिया साइट्स पर वायरल किया गया और देखते ही देखे उसे लिंक के जरिए क्वेश्चन पेपर वाले ग्रुप से 1000 से ज्यादा लोग जुड़ गए। ग्रुप से जुड़ने के बाद जिन लोगों ने क्वेश्चन पेपर की डिमांड की, उससे पहले उनसे स्कैनर पर 350 रुपए मंगाया गया।
उसके बाद उनके पर्सनल नंबर पर उत्तर समेत क्वेश्चन पेपर पीडीएफ में भेजा गया और पैसे मिलने के बाद उसे पीडीएफ को खोलने का पासवर्ड उक्त विद्यार्थी या उसके अभिभावक को दिया गया। गुरुवार को जब साइंस का परीक्षा खत्म होने के बाद कोडरमा के कई स्कूलों में जब इसकी पड़ताल की गई, तो छात्र-छात्राओं ने वायरल प्रश्न पत्र से हूबहू मिलते हुए प्रश्न पत्र परीक्षा के दौरान मिलने की बात की पुष्टि की।
प्रश्न पत्र अलग-अलग वेबसाइट पर हो गया था वायरल
साथ ही बताया कि इसी तरह का क्वेश्चन पेपर इंटरनेट मीडिया के अलग-अलग साइट्स पर वायरल हो रहा था। हालांकि कुछ बच्चे पर सीधे तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे थे, लेकिन पूछे जाने पर वायरल क्वेश्चन पेपर से आज मिले क्वेश्चन पेपर के हूबहू होने की बात भी स्वीकार की।
मामला संज्ञान में आने के और प्रश्न पत्र लीक होने की पुष्टि के बाद जैक बोर्ड के अध्यक्ष ने हिन्दी और साइंस की परीक्षा को रद्द करते हुए कोडरमा और गिरिडीह जिला प्रशासन से 24 घंटे के भीतर मामले की जांच कर कार्रवाई करने और जवाब मांगा है।
प्रिंस साव का नाम आ रहा सबसे आगे
इधर मरकच्चो थाना में हिरासत में लिए गए विद्यालय चलानेवाले प्रशांत साव से बात करने पर उन्होंने बताया कि उन्हें चतरा के प्रिंस साव और हरलाडीह जामू मरकच्चो निवासी ने साइंस के 20-25 क्वेश्चन उलब्ध कराए थे। इसके अलावा अपना कुछ क्वेश्चन गेस करते हुए उन्होंने एक गेस क्वेश्चन पेपर तैयार किए थे।
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