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    Jharkhand के सरकारी स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था में आएगा सुधार, प्रदेशभर में लागू होगा प्रोजेक्ट रेल

    By Jagran NewsEdited By: Yashodhan Sharma
    Updated: Fri, 23 Jun 2023 08:38 PM (IST)

    शिक्षा में व्यापक सुधार को लेकर उपायुक्त आदित्य रंजन की पहल से जिले में संचालित प्रोजेक्ट रेल (रेगुलर एसेसमेंट फार इम्प्रुव्ड लर्निंग) व प्रोजेक्ट इंपैक्ट जल्द ही पूरे झारखंड में लागू होगा। कोडरमा में इस अभियान का स्कूली शिक्षण व्यवस्था में जबर्दस्त सुधार हुआ है। पिछले दो सालों से जैक बोर्ड के दसवीं परीक्षा परिणाम में कोडरमा शीर्ष पर रहा है।

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    Jharkhand में सरकारी स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था में आएगा सुधार, प्रदेशभर में लागू होगा प्रोजेक्ट रेल

    संवाद सहयोगी, कोडरमा: शिक्षा में व्यापक सुधार को लेकर उपायुक्त आदित्य रंजन की पहल से जिले में संचालित प्रोजेक्ट रेल (रेगुलर एसेसमेंट फार इम्प्रुव्ड लर्निंग) व प्रोजेक्ट इंपैक्ट जल्द ही पूरे झारखंड में लागू होगा।

    कोडरमा में इस अभियान का स्कूली शिक्षण व्यवस्था में जबर्दस्त सुधार हुआ है। पिछले दो सालों से जैक बोर्ड के दसवीं परीक्षा परिणाम में कोडरमा शीर्ष पर रहा है। इसको लेकर डीसी ने राज्य के सभी जिलों के एडीपीओ को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रशिक्षण दिया।

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    जेईपीसी रांची के सभागार में राज्य के सभी जिलों के एडीपीओ जुटे थे। इस दौरान उपायुक्त ने कोडरमा जिले के सरकारी विद्यालय के बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए चलाए जा रहे प्रोजेक्ट रेल और प्रोजेक्ट इंपैक्ट के बारे में संपूर्ण जानकारी दी।

    लगातार की जा रही मॉनिटरिंग

    उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ सालों से जिले में लगातार प्रोजेक्ट रेल के तहत वीकली टेस्ट लिया जा रहा है। बच्चों की तैयारी की मॉनिटरिंग की जा रही है। बच्चों को मॉडल सेट देकर परीक्षा की तैयारी कराई जाती है।

    उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट इंपैक्ट के माध्यम से सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता, आधारभूत संरचना आदि में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है।

    इसका उद्देश्य सरकारी स्कूल की व्यवस्था को सुधार लाना है, अच्छा स्कूल बनाना है, जहां सभी बच्चे नामांकन कराना चाहें। स्कूल को संस्थागत रूप से विकास करने के साथ मूलभूत सुविधाएं बेहतर करने की जानकारी दी।

    बदलाव के लिए काउंसलिंग जरूरी

    उन्होंने बताया कि अपने-अपने पोषण क्षेत्र अंतर्गत टोला टैगिंग करें और गांव व टोले का भ्रमण कर बच्चों के स्कूल आने के लिए प्रेरित करें। अभिभावक के साथ बैठक, उनकी काउंसलिंग करने से स्थिति में बदलाव दिखने लगेगा।

    हर क्लास के बाद चेतना सत्र और विभिन्न गतिविधियां कराकर बच्चों का सर्वांगीण विकास की जानकारी दी। यहां प्रोजेक्ट रेल व प्रोजेक्ट इम्पैक्ट का उपायुक्त स्वयं प्रतिदिन मॉनिटरिंग करते हैं। लो व नो कॉस्ट के आधार पर स्कूलों में बदलाव की पहल की गई है।