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    Jharkhand News: कोडरमा में किसान का कारनामा! पथरीली जमीन को खेती युक्त बनाया, बना डाला आम के पौधों का बगीचा

    Updated: Sun, 26 May 2024 08:40 PM (IST)

    कोडरमा के जयनगर प्रखंड के रेभनाडीह निवासी मुरली यादव ने अपनी मेहनत से खाली पड़ी पथरीली चार एकड़ जमीन को खेती युक्त बना डाला। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से पूरे जमीन को समतल किया और इसमें लगभग 500 आम के पौधे लगा डाले। आज इस जमीन पर आम का बगीचा बन चुका है। मुरली यादव से आसपास के किसान भी प्रेरणा ले रहे हैं।

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    पथरीली जमीन पर लगे आम के बगीचे व हरी सब्जियों की फसल के बीच किसान मुरली यादव

    जागरण संवाददाता, जयनगर (कोडरमा)। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं होता, तबीयत से एक पत्थर तो उछालो यारों, यह पंक्ति जयनगर प्रखंड के रेभनाडीह निवासी मुरली यादव पर सही बैठती है।

    रेभनाडीह निवासी मुरली यादव ने अपनी मेहनत से खाली पड़ी चार एकड़ जमीन को खेती युक्त बना डाला। यहां आसपास के किसान इनसे प्रेरणा ले रहे हैं। यहां पहले काफी झाड़ियां थी, जिस पर खेती करना आसान नहीं था।

    ऐसे लगाए आम के पौधे

    उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत तथा लगन से पूरे जमीन को समतल किया और उसमें लगभग 500 आम के पौधे लगा डाले। आज इस जमीन पर 500 पौधे लहलहा रहे हैं। पिछले वर्ष ही मुरली यादव ने यहां आम के पौधे लगाए थे और इस बार उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और सभी आम के पौधों ने मंजर भी दे दिया।

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    पौधों को बचाने के लिए मुरली यादव ने बागवानी के चारों ओर बांस का घेरा भी लगाया है। मुरली ने बताया कि आम के पौधों का पटवन मनरेगा द्वारा बनाए गए डोभा से करते हैं। उन्होंने इस वर्ष आम के पौधे में दिए हुए मंजर को हटा दिया ताकि पौधे की अच्छी ग्रोथ हो सके।

    सिंचाई व्यवस्था को लेकर हो रहा निर्माण

    सिंचाई की व्यवस्था को लेकर डोभा के अलावा मुरली यादव मनरेगा के तहत कूप का भी निर्माण करा रहे हैं, जो अंतिम चरण में है। उन्होंने यह भी बताया कि आम के बगीचे के साथ सब्जियों की खेती भी शुरू कर दी है।

    गर्मी के इस मौसम में भिंडी, करेला, झींगा, नेनुआ, कद्दू, प्याज, मकई, कुर्थी, बैगन, मिर्च आदि सब्जियों की फसल लगाई है, जिससे उन्हें बेहतर आमदनी भी हो रही है।

    10 हजार तक हो रही आमदनी

    उन्होंने बताया कि सब्जियों से प्रति सप्ताह उन्हें 10 हजार तक की आमदनी हो जा रही है। उनके परिवार के सदस्य गणेशी देवी, संगीता देवी तथा जितेन कुमार दिन-रात मेहनत रहते हैं।

    मुरली ने बताया कि कार्य की शुरुआत करने के बाद प्रखंड प्रशासन, रोजगार सेवक तथा स्वजन का भरपूर सहयोग मिला है। उनसे प्रेरणा लेकर कई किसान बागवानी की सोच रहे हैं।

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