यहां 13 वर्ष से क्यों लगी है धारा-144, आखिर क्या वजह है कि मामला शांत रहने के बावजूद नहीं हट रही बंदिश
अमूमन कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होने पर किसी स्थान पर धारा-144 लगा दी जाती है जिले मामला शांत होने पर अधिकतम दाे वर्ष में हटा लिया जाता है। जमशेदपुर में एक ऐसा स्थान है जहां लगातार 13 वर्ष से धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है।

जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। अमूमन कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होने पर किसी स्थान पर धारा-144 लगा दी जाती है, जिले मामला शांत होने पर अधिकतम दाे वर्ष में हटा लिया जाता है। जमशेदपुर में एक ऐसा स्थान है, जहां लगातार 13 वर्ष से धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है। मामला शांत होने पर हटा लिया जाता है।
कदमा के गणेश पूजा मैदान में एक हिस्सा है, जहां झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर 14 मई 2008 से निषेधाज्ञा लागू की गई थी। दरअसल यहां विवाद होने का कारण पूर्व सांसद सुनील महतो का स्मारक स्थल था। सुनील महतो के शहीद होने के बाद उनकी पत्नी सुमन महतो उपचुनाव के बाद जमशेदपुर की सांसद बन गईं। सुमन महतो भी कदमा के उसी क्वार्टर में रहती हैं, जहां उनके स्वर्गीय पति सुनील महतो भी रहते थे। उसी क्वार्टर के सामने सुमन महतो अपने पति का स्मारक बना रही थीं। पिलर खड़े हो गए थे। वहां स्थापित करने के लिए शहीद सांसद सुनील महतो की मूर्ति भी मंगा ली गई थी। जब इसे अंतिम रूप दिया जाना था कि इससे पहले टाटा स्टील ने पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन से मैदान अतिक्रमण करने की शिकायत दर्ज करा दी। टाटा स्टील की शिकायत पर तत्कालीन अपर आयुक्त राकेश कुमार वहां निर्माण कार्य रोकने गए थे। बस तभी से मैदान के उस हिस्से में निषेधाज्ञा लागू है, जिसे 25 जून से अगले आदेश तक अनुमंडल अधिकारी, धालभूम नीतीश कुमार सिंह ने अग्रसारित कर दिया है।
जिला प्रशासन ने ली उच्च न्यायालय की शरण
इस बीच उनके सामने तत्कालीन सांसद सुमन महतो आ गईं और विरोध कर दिया। जमशेदपुर के पूर्व सांसद सुनील महतो की पत्नी सुमन महतो का विरोध देखते हुए जिला प्रशासन इस मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट चला गया, जहां से 14 मई 2008 को अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश आया था। इसके बाद से हाईकोर्ट का अगला आदेश नहीं आया, लिहाजा जिला प्रशासन इस स्थान पर धारा-144 के तहत सामान्य निषेधाज्ञा हर तीन माह पर अग्रसारित कर देता है।
हर साल लगता गणेश मेला
कदमा गणेश पूजा मैदान के जिस हिस्से में निषेधाज्ञा लागू है, वह स्थान या स्मारक स्थल 20 गुना 20 फुट ही है। इसके आसपास प्रतिवर्ष गणेश पूजा पर मेला लगता है। सिर्फ स्मारक स्थल पर किसी को सभा या प्रदर्शन करने, पांच या पांच से अधिक व्यक्ति के एकत्र होने की मनाही है। इस स्थल से करीब 100 मीटर की दूरी पर कंपनी क्वार्टर है, जबकि इसके तीन हिस्से में मैदान है।
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