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    Jharkhand: 'झारखंड में भी मुर्शिदाबाद जैसे हालात बन जाएंगे', भरी सभा में चंपई ने क्यों कह दी ऐसी बात? सियासत तेज

    चाकुलिया में आदिवासी महासम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि झारखंड में धर्म परिवर्तन को रोकना होगा वरना आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार धर्मांतरण पर चुप है और आदिवासियों के अधिकारों का हनन कर रही है। सोरेन ने आदिवासी लड़कियों के दूसरे समुदाय में विवाह करने पर आरक्षण रोकने की भी बात कही।

    By Mantosh Mandal Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 20 Apr 2025 08:09 PM (IST)
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    झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन। फाइल फ़ोटो

    संवाद सूत्र, चाकुलिया। जागो आदिवासी जागो! चाकुलिया की धरती से मैं आदिवासियों को जगाने आया हूं। हमें झारखंड में धर्म परिवर्तन को हर हाल में रोकना होगा, वरना यहां भी मुर्शिदाबाद जैसे हालात बन जाएंगे।

    यदि धर्म परिवर्तन नहीं रुका तो आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। यह बात प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने रविवार को चाकुलिया में आदिवासी महासम्मेलन को संबोधित करने के दौरान कही।

    शहर के टाउन हाल में भारत जकात माझी परगना महाल एवं आदिवासी सांवता सुसार अखाड़ा के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में चंपई सोरेन ने कहा कि झारखंड में सिर्फ नाम की अबुआ सरकार है।

    रांची, लोहरदगा, गुमला, साहिबगंज, पाकुड़ हर तरफ तेजी से धर्मांतरण हो रहा है। सरकार चुप्पी साधी हुई हैं। आदिवासियों की परंपरागत मांझी परगना महाल व्यवस्था खत्म हो रही है।

    वर्ष 1967 में सबसे पहले कांग्रेस पार्टी के सांसद कार्तिक उरांव ने संसद में आदिवासी परंपरा को बचाने के लिए डिलिस्टिंग लागू करने की मांग की थी। लेकिन तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

    कांग्रेस ने हमेशा आदिवासियों के साथ धोखा किया है। आज राज्य की सत्ता में वह भी साझेदार है। इसलिए यह सरकार कभी आदिवासियों का विकास नहीं कर सकती।

    संथाल परगना की हालत ऐसी है कि वहां मुखिया एवं जिला परिषद आदिवासी महिलाएं हैं पर उनके पति मुस्लिम है।

    ऐसा यदि होता रहा तो आदिवासियों की संख्या और घट जाएगी। इसलिए दूसरे समुदाय में विवाह करनेवाली आदिवासी लड़कियों का आरक्षण रोकना जरूरी है।

    इसे लेकर संथाल परगना में जल्द ही लाखों की संख्या में आदिवासियों को जुटाकर बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। चम्पाई ने कहा कि आदिवासियों का इतिहास संघर्ष से भरा हुआ है।

    बाबा तिलका मांझी से लेकर सिद्धू कान्हू, चांद भैरव, बिरसा मुंडा सबने आजादी की लड़ाई लड़ी थी। उसके बाद दिशोम गुरु शिबू सोरेन एवं मेरे नेतृत्व में झारखंड अलग राज्य की लड़ाई लड़ी गई।

    आज धर्म परिवर्तन के जरिए हमारे अस्तित्व एवं परंपरागत व्यवस्था पर चोट पहुंचाई जा रही है। इसके खिलाफ भी संघर्ष के लिए तैयार रहना है।

    फर्जी सर्टिफिकेट मामले में हो कड़ी कार्रवाई

    पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि चाकुलिया प्रखंड में मुस्लिम समुदाय के लोगों का बड़ी संख्या में जो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बना है, उसकी जांच कर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। यह क्षेत्र पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है।

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    बांग्लादेशी घुसपैठ का खतरा यहां भी है। इसलिए फर्जी सर्टिफिकेट मामले को पूरी गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

    आदिवासियों का अधिकार छीन रही सरकार: चंद्रमोहन

    आदिवासी सम्मेलन में दिशोम तरफ परगना चंद्र मोहन मंडी ने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार आदिवासियों का अधिकार छीन रही है।

    सुप्रीम कोर्ट ने पेसा एक्ट के जरिए जो अधिकार हमें दिया है उसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है। आदिवासियों पर अत्याचार एवं धर्मांतरण बढ़ता जा रहा है। राज्य की अबुआ सरकार आदिवासियों को छलने का काम कर रही है।

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