जमशेदपुर में बुलडोजर एक्शन, मेडिकल कॉलेज के सामने 8 दुकानें जमींदोज और एक को 10 दिन का अल्टीमेटम
जमशेदपुर में टाटा स्टील के लैंड विभाग ने बारीडीह के पास अतिक्रमण हटाते हुए नौ अस्थायी दुकानें तोड़ दीं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष के विरोध के बाद एक दुकान को मोहलत दी गई। टाटा स्टील यहां शव शीतगृह बनाना चाहती है। प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की गई है। एक दुकान को 10 दिन का समय दिया गया है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। टाटा स्टील लैंड विभाग और जमशेदपुर प्रखंड के अंचलाधिकारी बुधवार सुबह बारीडीह स्थित मणिपाल मेडिकल कॉलेज के समीप पहुंचे। इस दौरान फल, जूस दुकान सहित नौ अस्थायी दुकानों को तोड़ दिया। जबकि कांग्रेस के जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दूबे के विरोध के बाद एक दुकान को 10 दिनों का समय देकर छोड़ दिया गया है।
मणिपाल मेडिकल कॉलेज के सामने कई अस्थायी दुकान बने हुए हैं जहां काफी समय से लोग अस्थायी दुकानें बनाकर अपने परिवार चला रहे थे। उक्त स्थान को खाली कराने के लिए टाटा स्टील द्वारा जेपीएलई केस किया था।
केस जीतने के बाद लैंड विभाग की टीम अंचलाधिकारी व मजिस्ट्रेट के साथ पोकलेन लेकर पहुंची थी। इस दौरान पुलिस बल की उपस्थिति में बांस-बल्ली व प्लास्टिक से बने आठ जबकि टिन शेड के एक दुकान को जमींदोज किया गया।
टाटा स्टील प्रबंधन का कहना है कि उक्त स्थान पर अस्पताल का शव शीतगृह (मुर्दाघर) बनाया जाना है, जिसका प्रवेश द्वार अवैध रूप से बने दुकानों के बीच से होकर जाने का प्रस्ताव है इसलिए उन्हें हटाया गया।
वैकल्पिक व्यवस्था करने के बाद ही तोड़े प्रशासन
अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान मजिस्ट्रेट व पुलिस के जवान जब भोला रजक के अस्थायी दुकान सह मकान को तोड़ने पहुंची तो कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने इसका जमकर विरोध किया। इस दौरान वे पोकलेन के सामने खड़े हो गए और शाम पांच बजे तक दुकान को नहीं तोड़ने दिया, इसके बाद टीम वापस लौट गई।
आनंद बिहारी दूबे का कहना है कि भोला रजक अपने स्वजनों के साथ पिछले 30 सालों से यह गुजर-बसर कर रहा है। उनके पास इस दुकान का बिजली का बिल भी है। मानसून में यदि प्रशासन उनके झोपड़ीनुमा घर को तोड़ देगी तो वे उनके परिवार कहां जाएंगे।
ऐसे में जिलाध्यक्ष ने प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था करने के बाद ही 10 गुणा 15 फीट की झोपड़ी को तोड़ने का आग्रह किया। इससे पहले दुकान को तोड़ने के लिए काफी मान-मन्नौव्वल भी हुआ।
ऐसे में प्रशासन द्वारा संबंधित परिवार को 10 दिनों में जगह खाली करने को कहा है। भोला रजक उस स्थान पर कपड़े इस्त्री करने का काम करते है।
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