N. chandrasekaran का संदेश: नपे-तुले जोखिम से मिलेगा बड़ा अवसर, भारत बनेगा मैन्युफैक्चरिंग हब, Tata group ने बढ़ाया फोकस
टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने 2026 के लिए समूह की दिशा तय की है। उन्होंने कर्मचारियों से अनिश्चितताओं को अवसर में बदलने और साहसिक नवाचार, मजब ...और पढ़ें

एन चंद्रशेखरन, चेयरमैन टाटा समूह
सफलता के तीन मूल मंत्र
चेयरमैन ने सफलता के लिए तीन मूल सिद्धांत- निष्पादन, सहयोग और नवाचार पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा अस्थिर वैश्विक माहौल में वही संगठन आगे बढ़ेंगे, जो अपने वादों को समय पर पूरा करेंगे और विभागों व टीमों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करेंगे।
उन्होंने समूह की सभी कंपनियों से भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने और तेजी से बदलते हालात के अनुरूप खुद को ढालने का आग्रह किया।
एआई, डेटा और मैन्युफैक्चरिंग पर बड़ा फोकस
ग्रीन स्टील, ईवी और स्थिरता सर्वोच्च प्राथमिकता
समूह की रणनीति में स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) को केंद्र में रखा गया है। चेयरमैन ने कहा कि ग्रीन स्टील उत्पादन और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (ईवी) से जुड़ी पहलों को बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाया जाएगा।
2025: चुनौतियों और पीड़ा का वर्ष
अपने संदेश में चंद्रशेखरन ने वर्ष 2025 को चुनौतियों और अप्रत्याशित घटनाओं से भरा बताया। उन्होंने अहमदाबाद में हुई एयर इंडिया की उड़ान 171 दुर्घटना को याद करते हुए कहा कि इस त्रासदी ने पूरे टाटा समूह को गहरे शोक में डाल दिया।
वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद, टाटा समूह के चेयरमैन ने भारत की आर्थिक संभावनाओं पर गहरा भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि तकनीक की रफ्तार नियामकों से तेज है और भू-राजनीतिक तनाव बढ़े हैं, इसके बावजूद भारत ने मजबूत और स्थिर आर्थिक वृद्धि दिखाई है।

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