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    N. chandrasekaran का संदेश: नपे-तुले जोखिम से मिलेगा बड़ा अवसर, भारत बनेगा मैन्युफैक्चरिंग हब, Tata group ने बढ़ाया फोकस

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 09:30 PM (IST)

    टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने 2026 के लिए समूह की दिशा तय की है। उन्होंने कर्मचारियों से अनिश्चितताओं को अवसर में बदलने और साहसिक नवाचार, मजब ...और पढ़ें

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    एन चंद्रशेखरन, चेयरमैन टाटा समूह

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। वैश्विक स्तर पर जारी आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच टाटा समूह ने वर्ष 2026 के लिए अपनी स्पष्ट दिशा तय कर ली है। समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने बुधवार को कर्मचारियों को भेजे अपने वार्षिक संदेश में कहा कि आने वाला साल साहसिक नवाचार, मजबूत टीमवर्क और सटीक निष्पादन का होगा। 
     
    उन्होंने कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे अनिश्चितताओं को अवसर में बदलने के लिए तैयार रहें, क्योंकि यह दौर भारत और टाटा समूह दोनों के लिए बड़े परिवर्तन का है। चंद्रशेखरन ने कहा कि यदि समूह नपे-तुले जोखिम उठाते हुए सही फैसले लेता है, तो 2026 टाटा के इतिहास के सबसे सफल वर्षों में से एक साबित हो सकता है।


    सफलता के तीन मूल मंत्र 

    चेयरमैन ने सफलता के लिए तीन मूल सिद्धांत- निष्पादन, सहयोग और नवाचार पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा अस्थिर वैश्विक माहौल में वही संगठन आगे बढ़ेंगे, जो अपने वादों को समय पर पूरा करेंगे और विभागों व टीमों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करेंगे। 

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    उन्होंने समूह की सभी कंपनियों से भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने और तेजी से बदलते हालात के अनुरूप खुद को ढालने का आग्रह किया।  

     

    एआई, डेटा और मैन्युफैक्चरिंग पर बड़ा फोकस 

    2026 में टाटा समूह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डेटा आधारित पहलों को तेज गति से आगे बढ़ाने की योजना पर काम करेगा। इसके साथ ही एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग के विस्तार पर भी जोर रहेगा। 
     
    उन्होंने कहा कि ताकि भारत को एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी हब के रूप में स्थापित किया जा सके। चंद्रशेखरन ने कहा कि इसके लिए भविष्य के लिए तैयार टैलेंट विकसित करना बेहद जरूरी है और समूह इस दिशा में बड़े निवेश करेगा।  

     

    ग्रीन स्टील, ईवी और स्थिरता सर्वोच्च प्राथमिकता 

    समूह की रणनीति में स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) को केंद्र में रखा गया है। चेयरमैन ने कहा कि ग्रीन स्टील उत्पादन और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (ईवी) से जुड़ी पहलों को बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाया जाएगा।  

    उन्होंने टाटा ट्रांसफॉर्मेशन प्राइज का भी उल्लेख किया, जो स्थिरता, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने वाले भारतीय वैज्ञानिकों को समर्थन प्रदान करता है। साथ ही, उन्होंने साइबर सुरक्षा, परिचालन और भू-राजनीतिक जोखिमों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता पर भी बल दिया।


    2025: चुनौतियों और पीड़ा का वर्ष 

    अपने संदेश में चंद्रशेखरन ने वर्ष 2025 को चुनौतियों और अप्रत्याशित घटनाओं से भरा बताया। उन्होंने अहमदाबाद में हुई एयर इंडिया की उड़ान 171 दुर्घटना को याद करते हुए कहा कि इस त्रासदी ने पूरे टाटा समूह को गहरे शोक में डाल दिया। 

    वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद, टाटा समूह के चेयरमैन ने भारत की आर्थिक संभावनाओं पर गहरा भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि तकनीक की रफ्तार नियामकों से तेज है और भू-राजनीतिक तनाव बढ़े हैं, इसके बावजूद भारत ने मजबूत और स्थिर आर्थिक वृद्धि दिखाई है।