मदर्स डेः टाटानगर स्टेशन पर मां को छोड़ बेटा फरार
बेटे ने मां को टाटानगर रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर के पास बैठा दिया और तुरंत आने की बात कह वहां से चला गया।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। मदर्स डे पर आज मां की ममता का बखान हो रहा है। मां की पूजा हो रही है। मां से जुड़ी यादों को सहेजा जा रहा है। लेकिन शनिवार को टाटानगर रेलवे स्टेशन पर एक दूसरा ही नजारा देखने को मिला। एक बेसहारा मां (80 वर्षीया चंदा देवी) लगातार आंसू बहाए जा रही थी, भोजपुरी में बताती जा रही थी कि उसका बबुआ (पुत्र संतोष) उसे यहां छोड़कर भाग गया है। अब वह जाए तो कहां जाए?
टेल्को में रहने वाले बेटे के घर का पता मालूम नहीं और गांव लौटने की ताकत नहीं। उसकी दयनीय स्थिति देख भीड़ जुट गई। हर कोई उससे हिंदी में बात करने लगा। वह भोजपुरी बोले जा रही थी। दोनों तरफ से एकतरफा संवाद हो रहा था। तभी एक भोजपुरी भाषी ने पूछा- दादी कहवां से आइल बानीं (दादी कहां से आई हैं)। उस महिला ने कहा कि पतोह मुंह बांध के मरली अउरी बेटा एहिजा छोड़ के भाग गोइले (पुत्रवधू ने मुंह बांधकर पिटाई की और बेटा यहां पहुंचाकर भाग गया)।
टाटानगर स्टेशन के टिकट काउंटर के समीप जमीन पर बैठी महिला ने बताया कि इकलौते बेटे संतोष ने गांव की जमीन तक बेच दी और रुपये हाथ में आते ही अपनी पत्नी के कहने पर मेरी यह दुर्गति कर दी। मुझे कोई गांव पहुंचा दो। वहां किसी तरह जिंदगी काट लेगी। 80 वर्षीय लाचार महिला चंदा देवी उत्तर प्रदेश के जमनिया मुगलसराय की रहने वाली है। वह अपने पति रमेश सोनार के साथ टेल्को आजाद मार्केट के समीप किराये के मकान में रहती थी।
रमेश आभूषण दुकान में कारीगर का काम करते थे। करीब दो वर्ष पहले उनका निधन हो गया तो चंदा देवी अपने गांव चली गई। गांव में वह अपने पुस्तैनी मकान में रहती थी, लेकिन बेटे संतोष सोनार ने गांव का पुस्तैनी मकान भी बेच दिया और मां चंदा देवी को इलाज करवाने की बात कह अपने साथ जमशेदपुर लेकर आ गया।
तीन दिन पहले संतोष सोनार मां को टाटानगर रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर के पास बैठा दिया और तुरंत आने की बात कह वहां से चला गया। मां की आंखे आज भी अपने बेटे का इंतजार कर रही हैं। उसके मुताबिक, गांव के घर बेच के पइसा बेटा ले लेलस.. हमरा के एहिजे जंक्शन पे बइठा के भाग गइल। अब हम कहां जाईं...।

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