Rakshabandhan 2025: इस बार रक्षा बंधन पर बन रहा बेहद शुभ संयोग, यहां पढ़ें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
इस साल रक्षा बंधन भद्रा के साये से मुक्त है जिससे बहनें पूरे दिन राखी बांध सकेंगी। नौ अगस्त को सौभाग्य शोभन और सर्वार्थ सिद्धि जैसे शुभ योग बन रहे हैं जिससे पर्व और मंगलकारी होगा। राखी बांधने के लिए सुबह से दोपहर तक कई उत्तम मुहूर्त हैं। रक्षा बंधन के साथ सावन मास समाप्त हो जाएगा और भादो मास की शुरुआत होगी।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। भाई-बहन के पवित्र प्रेम का पर्व रक्षा बंधन इस साल भद्रा के साये से मुक्त रहेगा, जिससे बहनों को दिनभर भाइयों की कलाई पर राखी बांधने का अवसर मिलेगा।
छोटा गोविंदपुर स्थित श्रीराम मंदिर के पुरोहित मुकेश तिवारी व देवानंद पांडेय ने बताया कि इस वर्ष रक्षा बंधन का त्योहार नौ अगस्त, शनिवार को सौभाग्य, शोभन और सर्वार्थ सिद्धि जैसे अत्यंत शुभ योगों में मनाया जाएगा। इन विशेष संयोगों के कारण यह पर्व कहीं अधिक मंगलकारी और फलदायक होगा।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस बार भद्रा का अशुभ काल सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा, जिससे बहनें पूरे दिन राखी बांध सकेंगी।
पंडित मुकेश तिवारी और देवानंद पांडेय के अनुसार, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, सौभाग्य और शोभन जैसे कई महासंयोग बन रहे हैं, जो इस त्योहार की शुभता को और बढ़ा रहे हैं। राखी बांधने के लिए सुबह से लेकर दोपहर तक कई उत्तम मुहूर्त रहेंगे।
रक्षा बंधन के साथ ही सावन मास का समापन होगा और भादो मास की शुरुआत हो जाएगी, जिसमें कुछ विशेष नियमों का पालन करना श्रेयस्कर माना गया है।
राखी बांधने के उत्तम मुहूर्त
पुरोहितों के अनुसार, नौ अगस्त को सुबह 05 बजकर 47 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग प्रारंभ हो जाएगा, जो दोपहर 2 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। यह पूरा समय राखी बांधने के लिए अत्यंत श्रेष्ठ है। पूर्णिमा तिथि का मान दोपहर 1 बजकर 47 मिनट तक होने से इस अवधि में राखी बांधना विशेष लाभकारी माना गया है।
इसके अतिरिक्त भी दिन में कई शुभ मुहूर्त रहेंगे। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:22 से 05:04 बजे तक, अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:00 बजे से 12:53 बजे तक और शाम के समय गोधूलि वेला का मुहूर्त 07:06 से 07:27 बजे तक रहेगा। इन मुहूर्तों में भी बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।
सावन समाप्त, भादो के नियम शुरू
रक्षा बंधन के साथ ही पावन सावन मास संपन्न हो जाएगा और भादो (भाद्रपद) का महीना लग जाएगा। पंडित देवानंद पांडेय ने बताया कि भादो में कुछ चीजों का परहेज करना स्वास्थ्य और आध्यात्म दोनों के लिए अच्छा होता है।
इस महीने में दही, गुड़ और मूली का सेवन वर्जित माना गया है। साथ ही, तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा और लहसुन-प्याज से भी दूर रहने की सलाह दी जाती है। इस माह में भगवान कृष्ण और गणेश जी की आराधना को विशेष फलदायी बताया गया है।
मान्यता है कि इन नियमों का पालन करने से शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
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