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    'मैं आपको नई जिम्‍मेदारी दे रहा हूं...', दोपहर को PM मोदी ने किया फोन, रात में रघुवर दास बन गए ओडिशा के राज्‍यपाल

    By Birendra Kumar OJhaEdited By: Shashank Shekhar
    Updated: Thu, 19 Oct 2023 10:10 PM (IST)

    झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ओडिशा के नए राज्यपाल बनाए गए हैं। इससे पूरे भाजपा समर्थकों में खुशी का मौहाल है। रघुवर दास को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। औपचारिक रूप से रघुवर दास को मिली इस नई जिम्मेदारी की घोषणा रात में आई हो लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें दोपहर ही फोन लगाया था और कहा था कि आपको नई जिम्मेदारी सौंप रहा हूं।

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    पीएम मोदी ने दोपहर में रघुवर दास लगाया फोन, रात में अचानक आई बड़ी खुशखबरी

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ओडिशा के राज्यपाल बनाए गए हैं। यह सूचना बुधवार देर रात आग की तरह फैल गई।

    इससे पहले रघुवर दास सिदगोड़ा के सिनेमा मैदान में आजसू नेता चंद्रगुप्त सिंह के पूजा-पंडाल का उद्घाटन कर एग्रिको स्थित आवास लौटे ही रहे थे कि उन्हें फोन पर बधाई देने वालों का तांता लग गया।

    घर के बाहर भी भीड़ जुटने लगी। ऐसे में दैनिक जागरण से उन्होंने कहा, जय जगन्नाथ। हम तो संगठन के सिपाही हैं, जो भी आदेश होगा, उसका सहर्ष पालन करेंगे। भगवान जगन्नाथ की धरती पर सेवा करने का अवसर मिला है, उसे भगवान का आशीर्वाद समझता हूं।

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    पीएम मोदी का आ गया था फोन

    रघुवर दास के राज्यपाल बनने की खबर भले ही देर रात आई, लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन दिन में ही आ गया था।

    सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने दोपहर में फोन किया था। उन्होंने कहा कि आपको नई जिम्मेदारी दे रहा हूं, इसे अच्छे से निभाना है। हालांकि, यह किसी को मालूम नहीं था कि नई जिम्मेदारी की घोषणा इतनी जल्द हो जाएगी।

    भाजपा की राजनीति में बड़ा बदलाव

    रघुवर दास का राज्यपाल बनना लौहनगरी सहित पूरे राज्य में भाजपा की राजनीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। रघुवर दास का व्यक्तित्व इस बात का उदाहरण है कि भाजपा में अदना कार्यकर्ता भी देश की राजनीति में शिखर पर पहुंच सकता है।

    रघुवर ने करियर की शुरुआत बूथ कार्यकर्ता से की थी, जिसके बाद 1995 से 2014 तक जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से लगातार पांच बार न केवल विधायक रहे, बल्कि अंतिम चुनाव में भारी बहुमत से विजयी होने के बाद झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए गए।

    मंत्री-प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं रघुवर दास

    मुख्यमंत्री रहते रघुवर दास ने स्थानीयता नीति के उहापोह खत्म करते हुए राज्य में भर्तियों की शुरुआत कर दी। आज भी रघुवर दास के बनाए 1985 के कटऑफ डेट पर नियुक्ति हो रही है, जहां तक शहर व राज्य की राजनीति की बात है तो रघुवर दास राज्य में मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

    इसलिए, उनके पास पूरे राज्य का प्रशासनिक व सांगठनिक अनुभव भी काफी ज्यादा है। हालांकि, 2019 का चुनाव इनके लिए बड़ा झटका साबित हुआ, जिसमें ये खुद न केवल चुनाव हार गए थे, बल्कि भाजपा भी दूसरे नंबर पर आ गई।

    इसके बाद इन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर संगठन में प्रोन्नति दी गई। यही नहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ ये उत्तर प्रदेश में सरकार गठन के प्रभारी बनाए गए थे।

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