जमशेदपुर में करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की गोली मारकर हत्या, झाड़ियों में मिला शव; जमकर हंगामा
झारखंड के जमशेदपुर में रविवार रात करणी सेना के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष विनय सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। राष्ट्रीय राजमार्ग-33 पर मिनी पंजाब होटल के पास गली में अपराधियों ने उन पर हमला किया। गोली सिर में लगने से उनकी मौके पर मौत हो गई। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है जबकि गुस्साए करणी सेना कार्यकर्ताओं ने राजमार्ग अवरुद्ध कर विरोध जताया।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। मानगो बालीगुमा में रविवार देर रात एक सनसनीखेज वारदात ने शहर को झकझोर दिया। क्षत्रिय करणी सेना परिवार के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सिंह की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
राष्ट्रीय राजमार्ग-33 पर मिनी पंजाब होटल से 500 मीटर दूर एक कच्ची सड़क पर घात लगाकर किए गए इस हमले में विनय सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। उनके सिर में गोली लगी थी, और शरीर पर घसीटने के निशान मिले।
पुलिस ने घटनास्थल से उनकी स्कूटी, मोबाइल और एक पिस्तौल बरामद की है। हत्या की खबर फैलते ही करणी सेना के समर्थकों ने डिमना चौक और एनएच-33 जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।
करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सिंह। (फाइल फोटो)
पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन एंबुलेंस की देरी से नाराज लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ गुस्सा जताया।
विनय सिंह, जो उलीडीह थाना क्षेत्र के आस्था स्पेस टाउन के निवासी थे, अपने जमीन से जुड़े काम के सिलसिले में बालीगुमा आए थे।
मिनी पंजाब होटल के पास एक गली में जैसे ही वे पहुंचे, वहां पहले से घात लगाए अपराधियों ने उन पर गोली चला दी। गोली उनके सिर में लगी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
शव की बरामदगी, पिस्तौल बना रहस्य
पुलिस को विनय सिंह का शव मिनी पंजाब होटल से करीब 500 मीटर दूर एक कच्ची सड़क पर झाड़ियों में मिला। उनके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे, जो शव को घसीटने की वजह से बने प्रतीत हो रहे थे।
हैरानी की बात यह थी कि उनके बाएं हाथ में एक पिस्तौल फंसी हुई थी, जिसके चलते शुरुआत में कुछ लोग आत्महत्या की आशंका जता रहे थे। हालांकि, पुलिस ने इसे खारिज करते हुए हत्या की पुष्टि की।
घटनास्थल से उनकी क्षतिग्रस्त स्कूटी और मोबाइल भी बरामद किया गया। पटमदा डीएसपी वचनदेव कुजूर ने बताया कि विनय सिंह जमीन देखने के लिए स्कूटी से आए थे और उसी दौरान यह हमला हुआ।
पुलिस की लापरवाही पर सवाल
घटना की सूचना मिलते ही एमजीएम थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन एंबुलेंस की व्यवस्था में देरी ने लोगों का गुस्सा भड़का दिया। करीब दो घंटे तक शव सड़क पर ही पड़ा रहा, क्योंकि पुलिस एंबुलेंस का इंतजाम नहीं कर पाई।
स्थानीय लोगों और करणी सेना कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और शव को बिना एंबुलेंस के उठाने से रोक दिया। रात 11:50 बजे एंबुलेंस के आने के बाद शव को एमजीएम अस्पताल ले जाया गया। इस दौरान एनएच-33 पर लंबा जाम लग गया, और यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
डिमना चौक पर उबाल, सड़क जाम
विनय सिंह की हत्या की खबर फैलते ही करणी सेना के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में गुस्सा भड़क उठा। देर रात हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सैकड़ों लोग डिमना चौक पर जमा हो गए और सड़क जाम कर दी। प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए।
आजसू जिला अध्यक्ष कन्हैया सिंह, सनातन उत्सव समिति के चिंटू, भवानी सिंह सहित कई नेता और कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की और चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
करीब डेढ़ घंटे तक चले इस प्रदर्शन के बाद पुलिस के आश्वासन पर जाम हटाया गया।
सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय थे विनय
विनय सिंह क्षत्रिय करणी सेना के एक तेज-तर्रार और लोकप्रिय नेता थे। डिमना रोड पर उनकी 'जमशेदपुर टाइल्स' नाम की मार्बल की दुकान थी। वे सामाजिक और संगठनात्मक गतिविधियों में सक्रिय रहते थे और उलिडीह के आस्था स्पेस टाउन में अपने परिवार के साथ रहते थे।
उनके दो बेटों ने बताया कि उनके पिता का किसी से कोई विवाद नहीं था। वे गणेश सिंह के करीबी माने जाते थे। उनकी हत्या को लेकर पुलिस परिचितों से जुड़े कोण से भी जांच कर रही है।
पुलिस की जांच, कई सवाल
पुलिस ने घटना को सुनियोजित हत्या करार दिया है। सीनियर पुलिस अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया और विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, और अपराधियों की तलाश जारी है।
डीएसपी वचनदेव कुजूर ने बताया कि सभी पहलुओं से जांच की जा रही है, और जल्द ही हत्यारों को पकड़ लिया जाएगा। हालांकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस की ढिलाई ने अपराधियों के हौसले बुलंद किए हैं।
समर्थकों में आक्रोश, सियासी हलचल
विनय सिंह की हत्या ने क्षत्रिय समाज और करणी सेना में भारी आक्रोश पैदा किया है। संगठन ने इसे समाज के सम्मान पर हमला करार दिया है। कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने इस घटना की निंदा की और सरकार से दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की।
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