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    Jamshedpur: पाकिस्‍तान भागे हसनैन के मुस्लिम पड़ोसियों ने खोली पोल, कहा- देश की बदनामी के लिए कर रहा बकवास

    By Arijita SenEdited By: Arijita Sen
    Updated: Thu, 28 Sep 2023 12:22 PM (IST)

    Mohammad Hasnain News भारत से अवैध रूप से पाकिस्‍तान भागे मोहम्‍मद हसनैन के आरोपों में उसके आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों को षड़यंत्र नजर आता है। भारत में कथित धार्मिक उत्‍पीड़न का आरोप लगाते हुए पाकिस्‍तान भागने वाले हसनैन का जमशेदपुर से गहरा नाता रहा है। वह मूल रूप से गोलमुरी का ही रहने वाला है। उसके पड़ोसी उसकी बातों से सहमत नहीं हैं।

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    पुत्र इसहाक आमिर के साथ 70 वर्षीय मोहम्मद हसनैन। प्रेट्र

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर/नई दिल्‍ली। Jamshedpur News: अवैध रूप से भागकर पाकिस्तान गए मोहम्मद हसनैन और उसके पुत्र के भारत में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न के आरोपों से मुस्लिम पड़ोसी भी सहमत नहीं हैं। मुस्लिम बहुल गौतमपुरी में रहने वाले हसनैन के आरोपों से पड़ोसी हैरान हैं।

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    हसनैन का जमशेदपुर से गहरा है नाता

    उनका दावा है कि हसनैन के बताए अनुसार कोई घटना उनके संज्ञान में नहीं है। लोग संदेह जता रहे हैं कि हसनैन और उसका पुत्र इसहाक आमिर किसी षड्यंत्र के तहत देश को बदनाम करने के लिए अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।

    हसनैन का झारखंड के जमशेदपुर से नाता रहा है। वह मूल रूप से गोलमुरी का रहने वाला है। वह 10 वर्ष पूर्व पत्नी को तलाक देकर अपने बेटे के साथ दिल्ली चला गया था, जहां मुस्लिमों के बीच अपनी पैठ को मजबूत करने के लिए कौमी पार्टी आफ इंडिया बनाई थी।

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    हसनैन का बड़ा भाई इबरार भी पाकिस्‍तान भागा था

    पाकिस्तान भागने वाले हसनैन का झारखंड के जमशेदपुर से नाता रहा है। लगभग 38 वर्ष पहले भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद हसनैन का बड़ा भाई इबरार भी जमशेदपुर से पाकिस्तान भाग गया था।

    हसनैन भी पहले टाटा स्टील में कार्यरत था। वह कदमा स्थित टीएस 4 फ्लैट के सामने रहता था। 2013-14 में रिटायर होने के बाद वह दिल्ली शिफ्ट हो गया था।

    इबरार का पूरा परिवार जमशेदपुर के गोलमुरी मुस्लिम बस्ती में रहता था। वह टाटा स्टील के वित्त विभाग में कार्यरत था। टाटा स्टील में नौकरी मिलने के बाद वह कदमा स्थित बीएच एरिया के रोड नंबर छह में शिफ्ट हो गया।

    1985 में उसने अपनी बेटी की शादी की थी। तब मेहमानों को चांदी की तस्तरी में खाना परोसा गया था। टाटा स्टील के अधिकारियों को जब इसका पता चला तो उन्होंने सवाल उठाया कि वित्त विभाग का एक कर्मचारी इतना अधिक खर्च कैसे कर सकता है।

    जांच शुरू हुई तो इबरार के घोटाला किए जाने का पता चला, लेकिन जब तक कंपनी शिकंजा कसती, तब तक इबरार पूरे परिवार के साथ पाकिस्तान भाग गया।

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