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मानगो सहारा सिटी की नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले में DSP को जमानत, कई बाहुबली हैं इस केस के आरोपी

मानगो सहारा सिटी की नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्‍कर्म मामले में पटमदा के डीएसपी अजय केरकेट्टा को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। इस चर्चित दुष्‍कर्म मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के भाई गुड्डू गुप्ता उर्फ ब्रजमाेहन गुप्ता एमजीएम थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी इमदाद अंसारी समेत 22 आरोपी हैं। मामला 2018 का है जिसमें नाबालिग से थाने में दुष्‍कर्म किया गया उससे देह व्‍यापार तक कराया गया।

By Anwesh Ambashtha Edited By: Arijita Sen Updated: Wed, 13 Mar 2024 01:57 PM (IST)
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मानगो सहारा सिटी सामूहिक दुष्कर्म मामले में डीएसपी को जमानत।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। मानगो सहारा सिटी की नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, वीडियो बनाने और देह व्यापार कराने के बहुचर्चित मामले में डीएसपी अजय केरकेट्टा को झारखंड उच्च न्यायालय के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी के न्यायालय से मंगलवार को जमानत मिल गई।

हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को ठहराया सही

सीआरपीसी की धारा 319 के तहत दुष्कर्म मामले में जमशेदपुर के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पांच के न्यायालय ने डीएसपी अजय केरकेट्टा, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के भाई गुड्डू गुप्ता उर्फ ब्रजमाेहन गुप्ता, एमजीएम थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी इमदाद अंसारी समेत 22 आरोपितों को आरोपित बनाने का नोटिस दिया गया था।

निचली अदालत ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के भाई गुड्डू गुप्ता उर्फ ब्रजमाेहन गुप्ता, डीएसपी अजय केरकेट्टा, एमजीएम थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी इमदाद अंसारी समेत 22 आरोपितों की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें जमशेदपुर अदालत के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पांच की अदालत ने दुष्कर्म मामले में सीआरपीसी की धारा 319 (आरोपित बनाने) का आदेश देते हुए नोटिस दिया था।

निचली अदालत के आदेश को सभी की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि निचली अदालत का आदेश बिल्कुल सही है। इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। सभी को निचली अदालत में ट्रायल फेस करना होगा।

2018 का है दुष्‍कर्म का मामला

नाबालिग की मां ने गुड्डू गुप्ता, तत्कालीन डीएसपी अजय केरकेट्टा और तत्कालीन एमजीएम थाना प्रभारी इमदाद अंसारी सहित 22 लोगों को आरोपित बनाने के लिए जमशेदपुर की अदालत में आवेदन दिया था।

कोर्ट ने आवेदन को स्वीकार करते हुए सभी को मामले में आरोपित बनाते हुए पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा चलाने का आठ जुलाई 2021 को आदेश दिया था। इसके खिलाफ स्वास्थ्य मंत्री भाई गुड्डू गुप्ता सहित 16 आरोपितों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। दुष्कर्म की घटना 19 जनवरी 2018 का है।

आरोपितों को सुनाई गई थी 25 साल की सजा

नाबालिग की मां ने मानगो थाना में दुष्कर्म मामले में इंद्रपाल सैनी, शिव कुमार महता और श्रीकांत महतो के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामले में जिले के तत्कालीन अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सुभाष के न्यायालय में नाबालिग का 14 नवंबर 2019 को बयान दर्ज किया गया था जिसमें उसने दो दर्जन लोगों के नाम बताते हुए कहा था कि घटना में सभी की संलिप्तता थी।

बताया था कि वह सहारा सिटी में एक कारोबारी के यहां रहती थी। उसके मालिक के यहां इंद्रपाल सैनी काम करता था। शिव कुमार महतो और श्रीकांत महतो सहारा सिटी में बिजली मिस्त्री का काम करते थे। नवंबर 2016 में उसके साथ शिव कुमार महतो ने दुष्कर्म किया। उसका वीडियो भी बनाया था।

वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे ब्लैक मेल करने लगा। कई लोगों से संबंध बनाने को मजबूर किया। इंद्रपाल सैनी ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। वीडियो बनाया। देह व्यापार करने को मजबूर किया। कई लोगों के यहां इंद्रपाल सैनी ले गया।

एमजीएम थाना में डीएसपी और थानेदार ने उसके साथ दुष्कर्म किया। गोमिया की महिला ने उसे थाना से ले गई। उसने देह व्यापार कराया। मामले में पीड़िता की मां की शिकायत पर मानगो थाना में इंद्रपाल सैनी, शिव कुमार महतो और श्रीकांत महतो के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी 18 जनवरी 2018 को दर्ज की गई थी।

पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार किया था। नामजद आरोपितों को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश संजय कुमार उपाध्याय के न्यायालय ने 22 जनवरी 2022 को 25-25 साल की सजा सुनाई गई थी। वहीं मामले में डीएसपी और इंस्पेक्टर की संलिप्तता की जांच कर रही सीआइडी ने दोनों को अनुसंधान में क्लीन चिट प्रदान कर दिया था।

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