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    मानगो सीएचसी बना झारखंड का पहला ई-अस्पताल, अब घर बैठे लगेगा नंबर; मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया उद्घाटन

    Updated: Thu, 10 Oct 2024 11:36 AM (IST)

    मानगो में शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ई-अस्पताल सेवा शुरू की गई है। यह सेवा झारखंड में पहली बार किसी शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शुरू हुई है। ई-अस्पताल सेवा से मरीजों को घर से ही नंबर लगाने इलाज की रिपोर्ट संभालकर रखने दवाओं का ब्योरा देखने और टेली कंसल्टेंट की सुविधा मिलेगी। इस सेवा को इस साल के अंत तक सभी सीएचसी-पीएचसी में शुरू करने का लक्ष्य है।

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    मानगो सीएचसी बना झारखंड का पहला ई-अस्पताल

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बुधवार को शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), मानगो में ई-अस्पताल सेवा का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में तकनीक का इस्तेमाल कर मरीजों को बेहतर सेवा देने का प्रयास किया जा रहा है।

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    उन्होंने कहा कि पहले हमलोग बड़े-बड़े अस्पतालों में तकनीक का उपयोग होता देखते थे, लेकिन अब इसे सीएचसी-पीएसची में भी लागू किया जा रहा है, जिससे मरीजों का इलाज कराने की प्रक्रिया आसान होगी।

    स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि एक उच्च स्तर की तकनीक विकसित की जा रही है, जिसमें सीएचसी-पीएचसी से लेकर सदर और मेडिकल कॉलेज के सभी चिकित्सक जुड़ें रहेंगे।

    इससे फायदा यह होगा कि जब भी किसी को परामर्श, सलाह या फिर किसी तरह की जरूरत पड़ी तो वह सीधे संबंधित चिकित्सक से संपर्क कर सकता है।

    उम्मीद है कि जल्द ही यह सेवा शुरू हो जाएगी। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल ने कहा कि ई-अस्पताल सेवा राज्य में पहली बार किसी शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शुरू की गई है।

    मानगो में ई-अस्पताल सेवा का उद्घाटन किया गया। फोटो- सोशल मीडिया

    नेक्सजेन ई-अस्पताल को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी), नई दिल्ली द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है और एनआइसी झारखंड द्वारा समर्थित है।

    सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल ने कहा कि इस साल के अंत तक घाटशिला अनुमंडल अस्पताल सहित सभी सीएचसी-पीएचसी में ई-अस्पताल सेवा शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

    ई-हास्पिटल एक केंद्रीकृत सॉफ्टवेयर है, जिसमें आमजनों की सुविधा हेतु उनके इलाज से संबंधित पूरा विवरण,

    जांच एवं दवाओं का ब्योरा उपलब्ध रहेगा। आवश्यकतानुसार कभी भी उसे देखा जा सकेगा।

    मरीजों को मिलेगा ये लाभ

    • मरीज ओपीडी में दिखाने के लिए घर से ही नंबर लगा सकते हैं।
    • इलाज से संबंधित रिपोर्ट संभालकर रखने का झंझट खत्म हो जाएगा।
    • मरीजों को साफ-साफ दवा का नाम, उपचार एवं सारी चिकित्सा संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
    • अस्पताल में दवा है या नहीं, सबकुछ रियल टाइम पता चल सकेगा।
    • टेली कंसल्टेंट की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
    • इसके माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सक आपको परामर्श दे सकेंगे।

    मरीजों को रेफर करने की व्यवस्था

    ई-अस्पताल के माध्यम से मरीजों को रेफर करने की व्यवस्था भी है, जिसमें मरीज को पहुंचने से पहले उसके सुविधा संबंधित व्यवस्था करने का प्रविधान है। वर्तमान में सिर्फ रजिस्ट्रेशन और ओपीडी माडयूल को चालू किया गया है। आने वाले समय में लैब, फार्मेसी और आइपीडी (इनडोर) को भी चालू किया जाएगा।

    अस्पताल में मौजूद लोग

    कोई भी आम आदमी आभा एप्लीकेशन प्ले स्टोर से डाउनलोड कर शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का स्कैनर स्कैन करके अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है और रजिस्ट्रेशन काउंटर में टोकन लेकर सीधे डाक्टर से चिकित्सीय सलाह ले सकता है। अब उन्हें लंबी लाइन में लगने कि जरूरत नहीं पड़ेगी।

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