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Jharkhand News: 100 करोड़ से अधिक की फर्जी निकासी मामले में एक्शन, चार हिरासत में; 39.70 करोड़ रुपये फ्रीज

Jharkhand News झारखंड में 100 करोड़ से अधिक की फर्जी निकासी मामले में बड़ी कार्रवाई चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इनकी निशानदेही पर 80 लाख रुपये नकद और 15 लाख रुपये के सोने के गहने बरामद किए गए हैं। साथ ही विभिन्न खातों में जमा 39 करोड़ 70 लाख रुपये को भी फ्रीज कर दिया गया है।

By Dilip Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 09 Oct 2024 10:34 PM (IST)
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झारखंड फर्जी निकासी मामले में चार गिरफ्तार, 39 करोड़ से अधिक रुपये फ्रीज (जागरण)
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के खाते से 100 करोड़ से अधिक की फर्जी निकासी मामले में एसआइटी ने चार संदिग्धों, साजिशकर्ताओं को हिरासत में लिया है। इनकी निशानदेही पर अपराध की आय से अर्जित 80 लाख रुपये नकद, 15 लाख रुपये के सोने के गहने बरामद किए गए हैं।

इतना ही नहीं, विभिन्न खातों में जमा 39 करोड़ 70 लाख रुपयों को भी एसआइटी ने फ्रीज करवा दिया है। पुलिस मुख्यालय में आइजी अभियान अमोल वीनुकांत होमकर व एसपी ऋषभ झा ने इस चर्चित मामले का खुलासा करते हुए बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी।

आइजी ने बताया कि अब तक की जांच में जिन विभागों से फर्जी खातों में निकासी का मामला सामने आया है, उनमें झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के खाते से 10 करोड़ 40 लाख रुपये, झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के खाते से 65 करोड़ 50 लाख रुपये, व झारखंड उर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड के खाते से 40.50 करोड़ की निकासी शामिल हैं।

प्राथमिकी CID ने किया टेकओवर

धुर्वा थाने में 28 सितंबर को झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक वित्त ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि फर्जी खाता खोलकर अवैध तरीके से निगम के खाते से 10 करोड़ 40 लाख रुपये की निकासी कर ली गई है।

भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में दर्ज इस प्राथमिकी में झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के तत्कालीन लेखापाल सह कैशियर गिरजा प्रसाद सिंह व आलोक कुमार के अलावा केनरा बैंक निफ्ट शाखा हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार के विरुद्ध कांड दर्ज किया गया था। सीआइडी ने इस कांड को टेकओवर करते हुए सीआइडी थाने में चार अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज कर की और जांच शुरू की।

मामला संवेदनशील व गंभीर होने पर डीजीपी ने गठित की SIT, फिर हुआ खुलासा

सीआइडी थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद डीजीपी अनुराग गुप्ता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एटीएस के एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व में एक एसआइटी का गठन किया। एसआइटी में तीन एएसपी व अपराध अनुसंधान विभाग की टीम को शामिल किया गया। एसआइटी ने अनुसंधान के क्रम में जेटीडीसी के तत्कालीन लेखापाल सह कैशियर गिरजा प्रसाद सिंह व केनरा बैंक निफ्ट हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार को हिरासत में लिया। गिरजा प्रसाद बिहार के पटना जिले के रूपसपुर थाना क्षेत्र में बेली रोड मकान संख्या 339 के निवासी हैं।

वहीं, अमरजीत कुमार हटिया के सिंहमोड़ लटमा रोड प्रेम नगर में हरिगोपाल अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 103 में रहते हैं। एसआइटी की हिरासत में पूछताछ में दोनों ने उक्त कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और अन्य साजिशकर्ताओं के बारे में भी बताया। अन्य साजिशकर्ताओं में बोकारो के रूद्र सिंह उर्फ समीर कुमार व रांची के लोकेश्वर साह की पहचान हुई।

रूद्र सिंह बोकारो के सेक्टर 8ए, स्ट्रीट नंबर 11 के मकान संख्या 2053 का निवासी है वहीं लोकेश्वर साह उर्फ लोकेश रांची के डिबडिह स्थित अपर दाउदनगर में रहता है। इन साजिशकर्ताओं की निशानदेही पर इनके बताए गए स्थान से एसआइटी ने 85 लाख रुपये नकद व 15 लाख रुपये के सोने के जेवरात की बरामदगी की है। इस प्रकार एक करोड़ रुपये के अपराध से अर्जित राशि को बरामद किया गया है।

नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी विभिन्न तिथियों में दर्ज है शिकायत

नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी विभिन्न तिथियों में इससे संबंधित शिकायत दर्ज की गई है। इस पोर्टल पर तीन अक्टूबर को झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक वित्त ने 10 करोड़ 40 लाख रुपये व झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने नौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर फर्जी खाते में स्थानांतरित करने की शिकायत की थी।

इसके बाद चार अक्टूबर को भी इस पोर्टल पर झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड ने 40.50 करोड़ तथा झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 56.50 करोड़ रुपये के फर्जी खाते में स्थानांतरित करने की शिकायत की थी। इन सभी शिकायतों के आधार पर अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) में कांड दर्ज कर एसआइटी अनुसंधान कर रही है। सरकारी राशि को विभिन्न बैंक खातों में फ्रिज तथा छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है।

उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक में खोले गए सर्वाधिक फर्जी खाते

नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से साइबर क्राइम थाना लगातार समन्वय स्थापित कर खाता फ्रीज करवाने की कार्रवाई कर रही है। अब तक कुल 300 (तीन सौ) विभिन्न फर्जी खातों की जानकारी सामने आ चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा फर्जी खाते उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक में खोले गए हैं।

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