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Kolhan Bihar Spung Iron Company Incident: बिहार स्पंज आयरन कंपनी हादसे में निदेशक के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई, दो कर्मचारियों की हुई थी मौत

Kolhan Bihar Spung Iron Company Incident जानकारी के अनुसार जांच में यह बात सामने आई कि कीलन सफाई के दौरान कंपनी प्रबंधन ने सेफ्टी मानकों में चूक की जिसके कारण दुर्घटना घटी। प्रबंधन को कीलन सफाई से पहले आश्वस्त होना था कि अंदर गर्म डस्ट नहीं है।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Sun, 29 May 2022 11:25 AM (IST)Updated: Sun, 29 May 2022 11:25 AM (IST)
Kolhan Bihar Spung Iron Company Incident: बिहार स्पंज आयरन कंपनी हादसे में निदेशक के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई, दो कर्मचारियों की हुई थी मौत
Kolhan Bihar Spung Iron Company Incident: सेफ्टी का इंतजाम नहीं होने के कारण हुआ था हादसा।

जमशेदपुर, जासं। बिहार स्पंज आयरन कंपनी (वनराज स्टील द्वारा संचालित) के प्रबंध निदेशक सह दखलदार के खिलाफ कोल्हान के उप मुख्य कारखाना निरीक्षक मनीष सिन्हा ने अभियोजन दाखिल करने का प्रस्ताव भेजा है। सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल प्रखंड में संचालित बिहार स्पंज कंपनी में सात अप्रैल को एक दुर्घटना हुई थी। जिसमें सात कर्मचारी झुलस गए थे। टाटा मेन हास्पिटल में इलाज के दौरान सुरेश सिंह सरदार (23 वर्ष) व देवशरण सरदार (34 वर्ष) की मौत हो गई थी। इस मामले में उप मुख्य कारखाना निरीक्षक द्वारा की गई जांच व घायलों के बयान के आधार पर सेफ्टी मानकों की अवहेलना पाई गई, जिसके बाद कंपनी प्रबंधन के खिलाफ जांच रिपोर्ट भेजकर कारखाना अधिनियम की धारा 92 व 96 (ए) के तहत अभियोजन चलाने की स्वीकृति झारखंड सरकार से मांगी गई है।

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इस तरह से हुई दुर्घटना

स्पंज कंपनियों में डस्ट सेटलिंग चैंबर होता है। जिसका तापमान 1200 डिग्री सेल्सियस होता है। धूल की परत ठंडा होकर डस्ट चैंबर की सतह पर जमती रहती है। नियमित सफाई नहीं होने पर कीलन से डस्ट सेटलिंग चैंबर का रास्ता ब्लाक हो सकता है। ऐसे में सभी कंपनियां 30 से 45 दिनों में स्लैग की जमी हुई परत की सफाई (एकरेशन कटिंग) कराती है। बिहार स्पंज कंपनी में एकरेशन कटिंग के लिए दो अप्रैल को शटडाउन लिया गया था और पांच अप्रैल से ठेकेदार लखन मार्डी के सात कर्मचारी कीलन संख्या-3 के अंदर जाकर काम कर रहे थे। सात अप्रैल को छिनी व हथौड़ा से गर्म डस्ट ऊपर से गिरा और गर्म धूल के संपर्क में कर्मचारी प्रभावित हुए थे।

सेफ्टी में मिली थी चूक

प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच में यह बात सामने आई कि कीलन सफाई के दौरान कंपनी प्रबंधन ने सेफ्टी मानकों में चूक की जिसके कारण दुर्घटना घटी। प्रबंधन को कीलन सफाई से पहले आश्वस्त होना था कि अंदर गर्म डस्ट नहीं है। सफाई से पहले पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए था। साथ ही आन साइड इमरजेंसी प्लान भी तैयार रखना था। अधिकतर कंपनियां कीलन की सफाई रिमोट संचालित ब्रोक मशीन से कराती है लेकिन बिहार स्पंज में मैनुअल काम कराया जा रहा था।

ये हो सकती है कारवाई

सीजेएम कोर्ट में अभियोजन दाखिल होने पर 96 (ए) के तहत गैर जमानती मामले में सात साल की जेल व दो लाख रुपये जुर्माना। जबकि धारा 92 में दो साल की जेल व एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।


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