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    Jamshedpur News: दोनों किडनी फेल, सरकारी अस्पताल में नहीं हो रहा डायलिसिस; मरीज ने कहा- स्वास्थ्य मंत्री...

    Updated: Sat, 18 Jan 2025 04:00 PM (IST)

    एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल जमशेदपुर में एक मरीज की जान खतरे में है। दोनों किडनी फेल होने के कारण उसे तत्काल डायलिसिस की जरूरत है लेकिन गलत जांच रिपोर्ट और लापरवाही के कारण उसका इलाज नहीं हो पा रहा है। मरीज ने स्वास्थ्य मंत्री से मदद की गुहार लगाई है। मामला सामने आते ही अस्पताल के पोल खुल गए हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज अस्पताल में मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रही है।

    चिंता का विषय यह भी है कि जिम्मेदार भी इसपर चुप्पी साधे हुए है और लाचार मरीज इलाज को दर-दर भटक रहे हैं। इतना ही नहीं, मरीजों को जांच रिपोर्ट भी गलत सौंपी जा रही है।

    ऐसे में स्थिति कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं। दरअसल, सोनारी निवासी 27 वर्षीय कृष्णा कुमार का दोनों किडनी खराब है। उसकी स्थिति गंभीर है।

    चिकित्सकों ने तत्काल डायलिसिस दी है सलाह

    चिकित्सकों ने तत्काल डायलिसिस कराने की सलाह दी है लेकिन व्यवस्था के आगे वह बेबश नजर आ रहा है। बीते छह दिनों से वह पैथोलाजी सेंटर और अस्पताल का चक्कर लगा रहा है लेकिन मदद कहीं से नहीं मिल रही है।

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    यहां तक की मरीज को रिपोर्ट भी गलत सौंपकर उसका तनाव बढ़ा दिया गया। जबकि चिकित्सकों ने मरीज को तनाव बिल्कुल भी नहीं लेने की सलाह दी है। चूंकि, इसका सीधा असर उसके किडनी पर पड़ेगा।

    मरीज की जांच रिपोर्ट अलग-अलग था। इसे देखते हुए फिर से जांच कराने को कहा गया था।- संजय कुमार, इंचार्ज, डायलिसिस सेंटर, एमजीएम।

    कृष्णा कुमार ने बताया कि उसके दोनों किडनी फेल है। स्थिति गंभीर होने के कारण चिकित्सकों ने तत्काल डायलिसिस की आवश्यकता बताई।

    इसके बाद उनको आनन-फानन में डायलिसिस कराने के लिए एमजीएम लाया गया। यहां पर पीपीपी मोड पर संचालित मेडाल पैथोलाजी सेंटर में मरीज की जांच कराई गई।

    रिपोर्ट में हेपेटाइटिस-बी की पुष्टि हुई। इसके बाद डायलिसिस नहीं हुई और मरीज को सोनारी स्थित ब्रह्मानंद अस्पताल भेज दिया गया। यहां पर भी मरीज की जांच हुई। रिपोर्ट में हेपेटाइटिस-बी निगेटिव आई।

    इसके बाद मरीज का सैंपल फिर आदित्यपुर के डॉ. जे शरण पैथोलाजी सेंटर भेजा गया। वहां की रिपोर्ट में भी हेपेटाइटिस-बी निगेटिव आई।

    मरीज दोनों रिपोर्ट लेकर एमजीएम अस्पताल पहुंचा और अधीक्षक डॉ. शिखा रानी को अवगत कराया लेकिन फिर भी डायलिसिस नहीं हुई।

    इस मामले में अधीक्षक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं अभी काम कर रही हूं। बाद में बात करती हूं।- डॉ. शिखा रानी, अधीक्षक, एमजीएम।

    रिपोर्ट में भी झोल 

    • इसके बाद मरीज फिर डायलिसिस सेंटर पहुंचा। वहां के एक टेक्नीशियन ने डॉ. लाल पैथ लैब में जांच कराने की बात कहीं।
    • इसके बाद मरीज फिर वहां पर जांच कराने पहुंचा। रिपोर्ट शुक्रवार को आई। इसमें भी हेपेटाइटिस-बी निगेटिव है। उक्त रिपोर्ट भी लेकर शुक्रवार को मरीज एमजीएम के डायलिसिस सेंटर पहुंचा लेकिन फिर भी डायलिसिस नहीं हुई।
    • अंत में मरीज रोते-रोते घर पहुंचा और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी जान बचा लीजिए।
    • तीन-तीन पैथोलाजी सेंटर की रिपोर्ट में हेपेटाइटिस-बी निगेटिव और एक पैथोलाजी सेंटर में पाजिटिव है। ऐसे में मेरा क्या कसूर है? यह तो सिस्टम का दोष है।

    मेडाल के जांच रिपोर्ट पर उठ रहे सवाल

    एमजीएम में पीपीपी मोड पर मेडाल लैब संचालित होता है। रोजाना सैकड़ों मरीजों की जांच होती है लेकिन रिपोर्ट गलत आने से सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, इससे पूर्व भी मेडाल लैब की जांच रिपोर्ट गलत आ चुकी है लेकिन उस दौरान भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

    रिपोर्ट कैसे गलत हुई। यह गंभीर विषय है। इसकी जांच की जा रही है। मरीज का फिर से सैंपल लिया जाएगा।- अभिजीत गौंड, जोनल इंचार्ज, मेडाल पैथोलाजी

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