झारखंड में निकलेगी 26000 शिक्षकों की भर्ती, स्कूलों में लागू होगी नई पास-फेल नीति; मंत्री का एलान
झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य में केंद्र की नई पास-फेल नीति लागू होगी। इसके अलावा 26 हजार शिक्षकों की बहाली भी की जाएगी। स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि नई नीति के स्वरूप पर चर्चा के बाद इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चे साल भर पढ़ते हैं उनका आकलन होना चाहिए।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा है कि केंद्र की नई पास-फेल नीति झारखंड में भी लागू होगी। नई नीति के स्वरूप पर चर्चा के बाद इसे लागू किया जाएगा। उलियान-कदमा में निर्मल महतो की जयंती पर समाधिस्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद वे पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बच्चे साल भर पढ़ते हैं, उनका आकलन होना चाहिए। शिक्षा को लेकर केंद्र की कई नीतियों को झारखंड सरकार ने लागू किया है। यह पास-फेल नीति का नया स्वरूप भी लागू किया जाएगा। सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए सरकार पूरी तरह तत्पर है।
सोरेन ने कहा, मैं स्वयं स्कूलों का निरीक्षण कर रहा हूं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे भी स्कूलों का निरीक्षण समय-समय पर करते रहे। मंत्री ने शिक्षकों की बहाली पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय साफ होते ही राज्य में 26 हजार शिक्षकों की बहाली होगी। वर्तमान में क्षेत्रीय भाषा में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर पूर्ण प्रस्ताव बनाने का निर्देश विभाग को दिया गया है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, कक्षा पांचवीं तक मातृभाषा में पढ़ाई अनिवार्य है। इस कारण स्थानीय क्षेत्रीय भाषा में शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इसका संपूर्ण प्रस्ताव विभाग की अगली बैठक में रखने का निर्देश सचिव को दिया गया है। निर्मल महतो की समाधि पर जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी, ईचागढ़ की विधायक सविता महतो समेत कई गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। समाधिस्थल के बगल के मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत छऊ नृत्य का आयोजन किया गया।
विपक्ष उड़ा रहा मंइयां योजना को बंद करने की बात:
मंत्री रामदास सोरेन ने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष इन दिनों मंइयां योजना के बंद होने की बात उड़ा रहा है। मंत्री ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं के कारण ही झामुमो की सरकार फिर से सत्ता में आई है। ऐसे में किसी भी जनकल्याणकारी योजना को बंद करने का कोई सवाल ही नहीं है। अब विपक्ष के पास कोई मुद्दा ही नहीं बचा है तो वे क्या करें।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के सक्रिय राजनीति के वापस आने के सवाल पर कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है। इस पर टिप्पणी वे नहीं कर सकते।
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