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    Jharkhand News: रेल कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, ओवरटाइम के बकाया का रेलवे करेगा भुगतान; जीएम ने बताया डेटलाइन

    दक्षिण पूर्व रेलवे में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लंबित यात्रा भत्ता (टीए) ओवरटाइम (ओटी) व कम्पाउंड ट्रांसफर ग्रांट (सीटीजी) के भुगतान किया जाएगा। दिसंबर माह तक कर दिया जाएगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड को पत्र भेजा चुका है। मेंस कांग्रेस चक्रधरपुर मंडल के संयोजक शशि मिश्रा ने महाप्रबंधक अनिल कुमार मिश्रा ने बुधवार को मुलाकात की। उन्होंमे कर्मचारियों को पूरा दाम मिलने की बात कही।

    By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Thu, 12 Oct 2023 02:00 AM (IST)
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    रेल कर्मचारियों के लिए खुशखबरी। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। दक्षिण पूर्व रेलवे में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लंबित यात्रा भत्ता (टीए), ओवरटाइम (ओटी) व कम्पाउंड ट्रांसफर ग्रांट (सीटीजी) का भुगतान दिसंबर माह तक कर दिया जाएगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड को पत्र भेजा चुका है। दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक अनिल कुमार मिश्रा ने बुधवार को मेंस कांग्रेस, चक्रधरपुर मंडल के संयोजक शशि मिश्रा को यह आश्वासन दिया।

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    18 माह से बकाया है राशि

    बुधवार को टाटानगर पहुंचने पर शशि मिश्रा एक प्रतिनिधिमंडल के साथ महाप्रबंधक से मिलकर कर्मचारी हित के सात बिंदुओं पर एक ज्ञापन सौंपा। शशि मिश्रा ने महाप्रबंधक को बताया कि संबधित मद में कर्मचारियों का 18-18 माह से राशि बकाया है। ऐसे में कर्मचारी बिना किसी तनाव के कैसे ड्यूटी करते हुए बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।

    वहीं, शशि मिश्रा ने महाप्रबंधक को बताया कि रनिंग कर्मचारी औसतन 12 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं लेकिन गार्ड लाबी में बैठे अधिकारी क्रू मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस) में मैनुअली कर्मचारियों के काम के घंटे दो से चार घंटे काट दे रहे हैं। यह सीधे-सीधे कर्मचारियों के खून-पसीने पर रेल प्रशासन की तलवार है ताकि उनका ओवरटाइम काटा जा सके। जब कर्मचारी अपना पूरा काम कर रहे हैं तो उन्हें पूरा दाम भी मिलना चाहिए।

    कालोनी का भी करें निरीक्षण

    मेंस यूनियन ने महाप्रबंधक से आग्रह किया कि वे एक बार रेलवे कालोनियों का भी निरीक्षण करें। क्योंकि अधिकतर क्वार्टर अपनी सेवा अवधि पूरी कर चुकी है और अब वे रहने लायक नहीं है। जबकि रेल प्रशासन ऐसे क्वार्टरों का न तो तोड़ रही है और न ही कर्मचारियों को एचआरए दे रही है।

    इसके अलावा कालोनियों में सड़क, नाली सहित मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। किसी भी तरह मरम्मती के लिए कर्मचारियों को अपने पाकेट से खर्च करना पड़ता है। इस पर महाप्रबंधक ने आश्वासन दिया कि वे जब भी चक्रधरपुर मंडल आएंगे, रेल कालोनियों का निरीक्षण जरूर करेंगे। वहीं, शशि मिश्रा ने जिरूली व सरडिहा सहित अन्य साइडिंग में कर्मचारियों के लिए क्वार्टर निर्माण की मांग की।

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