जिस पंचायत में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं, वहां मंईयां सम्मान योजना में 174 मुस्लिम महिलाएं
पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड की हेंदलजुड़ी पंचायत में मंईयां सम्मान योजना में भारी गड़बड़ी सामने आई है। यहाँ 409 लाभुकों की सूची में 174 मुस्लिम महिलाओं के नाम हैं जबकि पंचायत में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है। जांच में राशन कार्ड नंबरों में भी गड़बड़ी पाई गई है। पंचायत और प्रखंड स्तर पर जांच के अभाव में यह घोटाला हुआ जिसकी जांच जारी है।
संवाद सूत्र, गालूडीह। पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड की हेंदलजुड़ी पंचायत में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की स्वीकृत सूची में व्यापक गड़बड़ी सामने आई है। 409 लाभुक महिलाओं की सूची में 174 मुस्लिम महिलाएं शामिल हैं। जबकि,आठ गांवों वाली इस पंचायत के किसी भी गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है। सूची में शामिल 174 महिलाएं छोलगोड़ा गांव की निवासी बताई गई हैं।
नहीं की गई सही तरह से जांच
सूची में इनके नाम के साथ-साथ राशन कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर एवं आधार कार्ड नंबर भी अंकित है। राशन कार्ड नंबर में भी गड़बड़ी की बातें सामने आ रही हैं। इस गड़बड़ी से स्पष्ट है कि मंईयां सम्मान योजना के लिए दिए गए आवेदन की पंचायत एवं प्रखंड स्तर पर सही तरीके से जांच ही नहीं की गई है।
आवेदन आनन-फानन में स्वीकृत कर दिए गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं का नाम सामने आने के बाद पंचायत से लेकर प्रखंड कार्यालय तक में हड़कंप है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
सूची सार्वजनिक होने के बाद उड़े होश
बताया गया कि सूची सार्वजनिक होने के बाद ग्रामीण एवं मुखिया मिर्जा हांसदा के भी होश उड़ गए। कहा जा रहा कि सूची में दर्ज इन मुस्लिम महिलाओं को सितंबर से नवंबर तक क्रमश: एक-एक हजार रुपये तथा दिसंबर में 2500 रुपये भी मिला चुके हैं। हालांकि, इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है।
इसकी विभागीय जांच की जा रही है। जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। मुखिया मिर्जा हांसदा कहते हैं कि पंचायत के किसी भी गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है। ऐसा कैसे हुआ, इसकी गहन जांच होनी चाहिए। संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
घाटशिला की प्रखंड विकास पदाधिकारी युनिका शर्मा ने बताया कि प्रखंड कार्यालय में स्वीकृत आवेदनों की जांच में मामला पकड़ में आया था। मंईयां सम्मान योजना की सूची में अंकित इन मुस्लिम महिलाओं के आवेदन रद कर दिए गए थे। बाद में दोबारा आवेदन देकर योजना का लाभ लिया गया होगा, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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