Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आइडिया के लिए युवा कहां करें आवेदन, झारखंड में स्टार्टअप पॉलिसी तो बनाई; पर वेबसाइट बनाना भूल गई सरकार

    By Nirmal PrasadEdited By: Aysha Sheikh
    Updated: Fri, 15 Dec 2023 10:01 AM (IST)

    Jharkhand government झारखंड सरकार ने 15 नवंबर 2023 को स्टार्टअप पॉलिसी पेश की लेकिन सरकार ने इसके लिए वेबसाइट नहीं बनाई जिसकी वजह से युवाओं को काफी परेशानी हो रही है। वेबसाइट नहीं होने से यह तक पता नहीं चल रहा है कि संबधित पालिसी का नोडल आफिसर कौन है। युवाओं को यह तक पता नहीं कि वे अपने आइडिया के लिए कहां आवेदन करें।

    Hero Image
    आइडिया के लिए युवा कहां करें आवेदन, झारखंड में स्टार्टअप पॉलिसी तो बनाई; पर वेबसाइट बनाना भूल गई सरकार

    निर्मल प्रसाद, जमशेदपुर। झारखंड सरकार ने 15 नवंबर 2023 को स्टार्टअप पालिसी तो लांच की लेकिन उसकी वेबसाइट लांच करना भूल गई। ऐसे में एक माह बीते, स्टार्टअप करने वाले युवाओं को यह तक पता नहीं कि वे अपने आइडिया के लिए कहां आवेदन करें और कैसे सरकार की योजनाओं का लाभ लें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झारखंड राज्य की स्थापना के 23 साल बाद बीते 15 नवंबर 2023 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्टार्टअप पालिसी को लांच किया। 28 पेजी की पालिसी में प्रस्तावना, विजन, मिशन, उद्देश्य, फोकस एरिया, इंफ्रास्ट्रक्चर सहित हर एक विषय का विस्तार से उल्लेख है। लेकिन सरकार की इन योजनाओं का सुदूर ग्रामीण क्षेत्र या दूसरे शहर के युवा कैसे आवेदन कर सकते हैं, कैसे अपने आइडिया को सबमिट कर सकती है, इसके लिए शायद सरकार वेबसाइट बनाना ही भूल गई।

    नोडल आफिसर की भी नहीं जानकारी

    ऐसे में पालिसी तो बनी लेकिन उसका कितने युवाओं को मिल रहा है, यह अब तक स्पष्ट नहीं पा रहा है। वेबसाइट नहीं होने से यह तक पता नहीं चल रहा है कि संबधित पालिसी का नोडल आफिसर कौन है या इसके लिए सरकार ने किस संस्थान को नोडल एजेंसी के रूप में प्रतिनियुक्त किया है जो स्टार्टअप करने वाले युवाओं को तकनीकी रूप से सहयोग कर सके।

    तीन वर्ष से अपडेट नहीं हुआ एवीवीआइएल की वेबसाइट

    रघुवर सरकार के समय झारखंड में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की जिम्मेदारी आइआइएम अहमदाबाद को दी गई। डिपार्टमेंट आफ आइटी एंड ई-गर्वेवांस के सहयोग से इसके लिए संस्थान की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी इनोवेशन लैब (एबीवीआइएल) तैयार किया।

    इसमें 419 स्टार्टअप रजिस्टर्ड हुए और 22 को शीड फंड भी दिए गए। साथ ही 43 इंक्यूबेटर तैयार किए गए। लेकिन राज्य में सरकार बदलते ही आइआइएम अहमदाबाद के कांट्रेक्ट का रिन्युअल नहीं हुआ। इसके कारण वर्ष 2020 के बाद से संबधित वेबसाइट पर कोई अपडेट नहीं हुआ है।

    आइटी निदेशक का भी पद है खाली

    पालिसी के तहत राज्य का आइटी निदेशक ही इंक्यूबेशन सेंटर का पदेन चेयरमैन होता है लेकिन झारखंड में पिछले कई माह से आइटी निदेश का पद भी रिक्त है।

    स्टार्टअप इंक्यूब्लर के रूप में राज्य सरकार से कोई मदद नहीं मिली है। पालिसी प्रभावी होने के बाद फंड के लिए कहां आवेदन करें, वेबसाइट नहीं होने के कारण इसकी जानकारी भी हमें नहीं मिल पा रही है।  -अमर नाथ सिंह, निदेशक, नवाचार रिसर्च इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन काउंसिल

    सरकार की घोषणा भले ही उत्साहवर्द्धक है लेकिन पालिसी बनाने से पहले होमवर्क नहीं करने से युवाओं को लाभ नहीं पा रहा है। वेबसाइट नहीं होने से युवाओं इस पालिसी के बारे में जान नहीं पा रहे हैं इसलिए सरकार व्यापक जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध कराया जाए।  -अनिल मोदी, उपाध्यक्ष, सिंहभूम चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री

    ये भी पढ़ें -

    Jharkhand Assembly : झारखंड विधानसभा में शीत सत्र आज से, संसद में स्मोक हमले के बाद सख्त की गई सुरक्षा

    सीएम Hemant Soren की सूरक्षा में चूक, शीतकालीन सत्र से लौट रहे थे मुख्यमंत्री; काफिले से टकराई बाइक