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    JEE Main Scam 2021 : बिहार-झारखंड सहित देश भर के छात्रों से लिए जाते थे 15-15 लाख रुपए

    By Jitendra SinghEdited By:
    Updated: Sat, 11 Sep 2021 08:24 AM (IST)

    JEE Main Scam 2021 जेईई मेन परीक्षा फर्जीवाड़ा ने सभी को चौका दिया। फर्जावाड़ा के पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा था। किसी का काम सेंटर को मैनेज करना ...और पढ़ें

    JEE Main Scam 2021 : बिहार-झारखंड सहित देश भर के छात्रों से लिए जाते थे 15-15 लाख रुपए

    जमशेदपुर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जेईई (मेन) फर्जीवाड़ा मामले में अबतक एक निजी कंसल्टेंसी फर्म के सात लोगों को गिरफ्तार किया है। उन पर परीक्षा प्रणाली को धोखा देने और प्रति उम्मीदवार 15 लाख रुपये के भुगतान पर झूठे तरीकों से शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश का आश्वासन देने का आरोप लगाया गया है।

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    कौन-कौन हुए हैं गिरफ्तार

    एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशक- सिद्धार्थ कृष्णा, विशंभर मणि त्रिपाठी, चार कर्मचारी- ऋतिक सिंह, अंजुम दाऊदानी, अनिमेष कुमार सिंह, कर्मचारी, अजिंक्य नरहरि पाटिल और एक निजी व्यक्ति रंजीत सिंह ठाकुर को गिरफ्तार किया गया है। शुरुआती गिरफ्तारी पिछले हफ्ते अगस्त और 1 और 2 सितंबर को हुई जेईई (मेन्स) परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर की गई थी। उधर, आदित्यपुर का रंजीत शर्मा फरार है। सीबीआई उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है।

    आरोपितों के खिलाफ क्या हैं सबूत

    सीबीआई उन उम्मीदवारों के रिकॉर्ड की जांच कर रही है, जिन्होंने एफिनिटी एजुकेशन कंसल्टेंसी फर्म द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का लाभ उठाया और एनटीए द्वारा आयोजित इंजीनियरिंग परीक्षा में शामिल हुए। यह कंसल्टेंसी के बैंक खाते के विवरण और एनटीए से अन्य संदिग्ध परीक्षा केंद्रों के बारे में जानकारी भी ले रहा है।

    घोटाले ने कैसे काम किया

    एफिनिटी ने एक रिमोट स्थान पर एक सॉल्वर को रखा जो उन प्रश्नों को हल करता था जो परीक्षा केंद्र में उम्मीदवार को आवंटित कंप्यूटर टर्मिनल पर प्रश्न आते थे। ये सॉल्वर पूर्व परीक्षा टॉपर और शिक्षक होते थे। सॉल्वर तब उम्मीदवार की ओर से जेईई मेन में एक उच्च रैंक प्राप्त करेगा। इसके बाद देश के शीर्ष कॉलेजों में एडमिशन हो जाता था। इस फर्जीवाड़ा में कंप्यूटर नेटवर्क तक पहुंच रखने वाले केंद्र पर्यवेक्षक भी धोखाधड़ी में शामिल थे।

    धोखाधड़ी करने वाले छात्रों को देते थे ये निर्देश

    देश भर के छात्रों से कहा गया कि वे अलग-अलग स्थानों से आने के बावजूद सोनीपत को अपने परीक्षा केंद्र के रूप में चुनें। उम्मीदवारों से कहा गया था कि वे माउस पर अपना हाथ रखें और एक शीट पर गणना करें कि वे अपने स्वयं के पेपर लिख रहे हैं, जबकि प्रश्न रिमोट विशेषज्ञों द्वारा हल किए जा रहे थे।

    सीबीआई ने यह भी पाया कि सोनीपत केंद्र में परीक्षा कंसोल और कंप्यूटर को हैक कर लिया गया था और जमशेदपुर जैसी जगहों से दूर से नियंत्रित किया गया था। जमशेदपुर से आदित्यपुर के रंजीत शर्मा प्रश्नों को सॉल्व करता था।

    सोनीपत सेंटर के स्टाफ मेंबर्स पर पैसे के बदले हैकिंग कराने का आरोप है। सुरक्षा के तौर पर कक्षा 10वीं और 12वीं की मार्कशीट, यूजर आईडी, पासवर्ड और इच्छुक छात्रों के पोस्ट डेटेड चेक प्राप्त किए गए।

    एनटीए ने स्पष्टीकरण जारी किया

    एनटीए ने छात्रों की चिंताओं को दूर किया कि घोटाले के कारण परीक्षा चक्र प्रभावित होगा। इसने कहा कि अगस्त-सितंबर चक्र के परिणामों में देरी नहीं होगी क्योंकि मामला पेपर-लीक का नहीं है जिसके परिणामस्वरूप परीक्षा रद्द हो सकती है।

    एजेंसी ने आगे कहा कि 26 अगस्त से 2 सितंबर के चक्र में जिन नौ लोगों ने परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का इस्तेमाल किया है, उन्हें तीन साल के लिए जेईई (मेन्स) लेने से रोक दिया जाएगा। उम्मीदवारों को धोखाधड़ी करने की अनुमति देने वाले 25 केंद्रों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। अन्य 97 केंद्रों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।