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    Jubilee park Zoo में नागपुर से आए रुद्र और मेघना बने माता-पिता, टाटा जू में जन्मे दो शावक

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 07:09 PM (IST)

    जमशेदपुर के टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में बाघिन मेघना ने दो स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। नागपुर से लाए गए मेघना और रुद्र अब माता-पिता बन गए हैं। जू ...और पढ़ें

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    बाघिन मेघना ने एक माह पूर्व टाटा जू में दो स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है।

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड के जमशेदपुर की फिजाओं में एक बार फिर खुशियों की सौंधी खुशबू घुल गई है। जुबिली पार्क की हरियाली के बीच स्थित टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क (टाटा जू) में लंबे इंतजार के बाद वन्यजीवन ने नई करवट ली है। 
     
    चिड़ियाघर की शान बाघिन मेघना ने दो स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। इन नन्हे मेहमानों के आगमन से न केवल जू प्रबंधन बल्कि पूरे शहर में उत्साह का माहौल है।

     

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    बाघिन मेघना ने एक माह पूर्व दो शावकों को दिया था जन्‍म

    बाघिन मेघना ने 27 नवंबर 2025 को दिन के समय दोनों शावकों को जन्म दिया। नवजात शावकों की सुरक्षा और सेहत को प्राथमिकता देते हुए जू प्रबंधन ने यह जानकारी तत्काल सार्वजनिक नहीं की। 
     
    अब जब दोनों शावक पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित बताए जा रहे हैं, तब इस खुशखबरी को शहरवासियों के साथ साझा किया गया है। फिलहाल विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की टीम सीसीटीवी कैमरों और प्रत्यक्ष निगरानी के माध्यम से मां और शावकों पर लगातार नजर बनाए हुए है।

     

    नागपुर स्थित रेस्क्यू सेंटर से लाए गए थे मेघना और रुद्र को

    इन शावकों के पिता का नाम रुद्र है। खास बात यह है कि मेघना और रुद्र दोनों ही नागपुर के गोरेवाड़ा स्थित रेस्क्यू सेंटर से लाए गए थे। दोनों बाघ जंगल के प्राकृतिक परिवेश में पले-बढ़े हैं, जिससे उनके व्यवहार और स्वास्थ्य को लेकर जू प्रबंधन को सकारात्मक उम्मीदें थीं। 
     
    जमशेदपुर के नागरिकों ने एक प्रतियोगिता के माध्यम से मेघना और रुद्र का नामकरण किया था। अब इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, नए शावकों का नाम रखने का अवसर भी शहरवासियों को दिया जाएगा, जिसके लिए जल्द ही नामकरण प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।

     

    वर्ष 2017 में दो शावक सलोनी व सुनैना का हुआ था जन्‍म

    टाटा जू के इतिहास में यह पल बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे पहले साल 2017 में बाघिन डोना और सफेद बाघ कैलाश के मिलन से सलोनी और सुनैना का जन्म हुआ था। 
     
    वहीं, 2012 में बाघिन शांति ने डोना को जन्म दिया था। इसके बाद लंबे समय तक जू में बाघों की संख्या में वृद्धि नहीं हो पाई। मेघना के इन शावकों ने उस खालीपन को खत्म कर दिया है। 
     
    यह उपलब्धि सिर्फ वंश वृद्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा देने की दिशा में टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। शहर के वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह किसी उत्सव से कम नहीं।