जमशेदपुर में शीतलहर का प्रकोप, 12वीं तक के सभी स्कूल 31 दिसंबर तक बंद
School Closed: जमशेदपुर में बढ़ती शीतलहर और कनकनी के कारण उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने 28 से 31 दिसंबर तक कक्षा 12वीं तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित ...और पढ़ें

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। लौहनगरी में पिछले कुछ दिनों से जारी बर्फीली हवाओं और हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच जिला प्रशासन ने स्कूली बच्चों को बड़ी राहत दी है।
बढ़ते शीतलहर और कनकनी के प्रकोप को देखते हुए उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने जिले के कक्षा 12वीं तक के सभी स्कूलों में 28 से 31 दिसंबर तक अवकाश घोषित कर दिया है। यह आदेश रविवार से प्रभावी होगा और साल के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर तक लागू रहेगा।
उपायुक्त द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। यह आदेश जिले के सभी सरकारी, गैर-सरकारी, निजी और अल्पसंख्यक विद्यालयों (माइनारिटी स्कूल्स) पर समान रूप से लागू होगा।
डीसी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि मौसम के तल्ख मिजाज को देखते हुए सभी स्कूल प्रबंधन इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें।
10 डिग्री तक पहुंचा पारा, बर्फीली हवाओं ने बढ़ाई मुश्किल
जमशेदपुर और आसपास के इलाकों में पिछले 24 घंटों के दौरान मौसम ने करवट ली है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, जमशेदपुर का न्यूनतम तापमान लुढ़क कर 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। सुबह के वक्त शहर घने कोहरे की चादर में लिपटा नजर आ रहा है, जिससे दृश्यता (विजिबिलिटी) काफी कम हो गई है।
दिन चढ़ने के बाद धूप तो निकल रही है, लेकिन उत्तर-पश्चिम दिशा से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण धूप की तपिश बेअसर साबित हो रही है। शाम ढलते ही कनकनी इतनी बढ़ जाती है कि लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो रहे हैं।
शहर से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में ठंड का कहर
जमशेदपुर शहरी क्षेत्र की तुलना में जिले के ग्रामीण और बाहरी इलाकों में ठंड का प्रकोप और भी भयावह है। पोटका, घाटशिला, पटमदा और जादूगोड़ा जैसे इलाकों में खुला क्षेत्र होने के कारण शीतलहर का असर ज्यादा महसूस किया जा रहा है।
गुमला और आसपास के जिलों में तापमान के 3 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चले जाने का असर कोल्हान प्रमंडल पर भी साफ दिख रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह के समय कोहरा इतना घना होता है कि वाहन चालकों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ रहा है।
मौसम के इन्हीं बिगड़े मिजाज और बच्चों को ठंड से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए प्रशासन ने यह एहतियाती कदम उठाया है।

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