जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। वर्ष 2025 की विदाई के साथ ही 2026 पूर्वी सिंहभूम जिले के लिए नई उम्मीदों और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का संदेश लेकर आया है। नया साल जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित होने वाला है।
इस वर्ष साकची में 500 बेड का नया एमजीएम अस्पताल, सदर अस्पताल का विस्तार, अत्याधुनिक कैथ लैब, एमआरआइ और सिटी स्कैन जैसी सुविधाएं आम जनता के लिए उपलब्ध होंगी। ओपीडी से लेकर जटिल सर्जरी, जांच से लेकर दवा तक हर स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं हाईटेक, सुलभ और किफायती बनेंगी।
अस्पतालों का कायाकल्प, बेड की समस्या होगी खत्म
जिले में मरीजों को बेड के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। साकची स्थित एमजीएम अस्पताल परिसर में बन रहा 500 बेड का अत्याधुनिक अस्पताल इस वर्ष पूरी तरह तैयार हो जाएगा, जिससे शहर और आसपास के इलाकों की बड़ी आबादी को राहत मिलेगी।
वहीं, परसुडीह स्थित सदर अस्पताल की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। यहां बेडों की संख्या 300 तक पहुंचाने की योजना है, ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के मरीजों को बेहतर भर्ती सुविधा मिल सके।
घर के पास इलाज, खुलेंगे चार नए यूपीएचसी
शहरी इलाकों में छोटी-मोटी बीमारियों के लिए अब बड़े अस्पतालों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। जिले में चार नए शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) खोले जाएंगे। इन केंद्रों पर ओपीडी, खून और पेशाब की जांच, टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की जांच तथा आवश्यक दवाएं उपलब्ध रहेंगी। इससे बड़े अस्पतालों पर मरीजों का दबाव भी कम होगा।
अब महंगी जांच के लिए निजी लैब पर निर्भरता कम होगी। डिमना चौक स्थित एमजीएम अस्पताल और परसुडीह स्थित सदर अस्पताल में एमआरआइ और सिटी स्कैन की सुविधा शुरू करने की तैयारी अंतिम चरण में है।
जांच की सुविधा होगी सुलभ और किफायती
इसके अलावा, एमजीएम अस्पताल में सेंट्रलाइज्ड पैथोलॉजी सेंटर शुरू होगा। यहां एक ही छत के नीचे सभी तरह की पैथोलॉजिकल जांच मुफ्त में उपलब्ध होंगी।
दिल की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में कैथ लैब बनकर तैयार हो चुकी है। नए साल की शुरुआत के साथ ही यहां एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी जैसी सुविधाएं शुरू होने की उम्मीद है।
चिकित्सा शिक्षा और विशेषज्ञों की संख्या बढ़ेगी
इससे मरीजों को बाहर के शहरों या महंगे निजी अस्पतालों में जाने की मजबूरी नहीं रहेगी। इलाज के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा को भी मजबूती मिलेगी।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 और पीजी की 50 सीटें बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी, जिससे सभी प्रमुख रोगों की ओपीडी नियमित रूप से संचालित हो सके।
मरीजों को किफायती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए एमजीएम अस्पताल में जन औषधि केंद्र और अमृत फार्मेसी की शुरुआत होगी। इसके अलावा, पारदर्शिता और सुविधा के लिए जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को पूरी तरह डिजिटल (पेपरलेस) बनाया जाएगा। मरीजों का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड एक क्लिक पर उपलब्ध रहेगा।
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