Jamshedpur News: हलुदबनी और चांडिल ग्रिड को मिलेगी नई ताकत, लो-वोल्टेज से मिलेगी राहत
जमशेदपुर में हलुदबनी और चांडिल ग्रिड को नई ताकत मिलेगी जिससे लो-वोल्टेज की समस्या से राहत मिलेगी। इस सुधार से क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बेहतर होगी और ...और पढ़ें

हलुदबनी और चांडिल ग्रिड को मिलेगी नई ताकत, लो-वोल्टेज से मिलेगी राहत
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। भीषण गर्मी और आंधी-पानी के दौरान पश्चिम बंगाल में टावर गिरने से जमशेदपुर में होने वाले 'ब्लैकआउट' का स्थाई समाधान अब निकल आया है। पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) ने मैथन-जमशेदपुर 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन के डायवर्जन (मार्ग परिवर्तन) और सुदृढ़ीकरण के लिए निविदा जारी की है।
इस महात्वाकांक्षी परियोजना के पूरा होते ही जमशेदपुर और कोल्हान की बिजली व्यवस्था हाईटेक और निर्बाध हो जाएगी। लंबे समय से बिजली संकट और ट्रांसमिशन लाइनों में तकनीकी खराबी का दंश झेल रहे लौहनगरी जमशेदपुर के लिए यह बड़ी राहत भरी खबर है।
पावरग्रिड ने पश्चिम बंगाल क्षेत्र में पड़ने वाली दो प्रमुख अति-उच्च क्षमता वाली लाइनों—मैथन-मेजिया और मैथन-जमशेदपुर 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन—के डायवर्जन के लिए टेंडर जारी किया है। कोलकाता स्थित पावरग्रिड के न्यू टाउन कार्यालय से राज मंगल कुमार निराला द्वारा जारी टेंडर के अनुसार, यह एक ओपन वर्क्स कान्ट्रैक्ट है। इसमें ट्रांसमिशन लाइन के डायवर्जन से जुड़े सिविल और अन्य कार्य शामिल हैं।
टेंडर की फीस 12,500 रुपये और बयाना राशि (ईएमडी) 7,57,000 रुपये तय की गई है। 24 दिसंबर से शुरू हुई बोली प्रक्रिया 28 जनवरी को सुबह 11 बजे समाप्त होगी और उसी दिन 11:30 बजे बोलियां खोली जाएंगी।
जमशेदपुर की बिजली आपूर्ति की रीढ़ मैथन से आने वाली यही 400 केवी लाइन है। पिछले कुछ वर्षों की घटनाओं पर नजर डालें तो अक्सर गर्मियों में कालबैसाखी या तेज आंधी के कारण पश्चिम बंगाल के पुरुलिया या बांकुड़ा क्षेत्र में इस लाइन के टावर क्षतिग्रस्त हो जाते थे। ऐसी घटनाओं से जमशेदपुर कई-कई दिनों तक अंधेरे में डूबा रहा है। इस नए डायवर्जन कार्य से लाइन को सुरक्षित और बाधा-रहित मार्ग मिलेगा, जिससे ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रुकेगी।
इस कवायद का सीधा और सबसे बड़ा असर जमशेदपुर के हलुदबनी और सरायकेला के चांडिल क्षेत्र पर पड़ेगा। हलुदबनी स्थित पावरग्रिड का सब-स्टेशन शहर की लाइफलाइन है। मैथन-जमशेदपुर लाइन के सुदृढ़ीकरण से हलुदबनी ग्रिड को अपनी पूरी क्षमता (फुल लोड) पर निर्बाध बिजली मिलेगी। इससे गोविंदपुर, बारीडीह, और मानगो जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में लो-वोल्टेज और बार-बार होने वाली ट्रिपिंग की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।
वहीं, चांडिल में निर्माणाधीन 400/220 केवी ग्रिड सब-स्टेशन को भी इस प्रोजेक्ट से नई संजीवनी मिलेगी। मैथन लाइन के मजबूत होने से चांडिल ग्रिड को एक स्थिर स्रोत मिलेगा, जिससे पूरे कोल्हान प्रमंडल में औद्योगिक और घरेलू उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली सुनिश्चित हो सकेगी। पूर्वी भारत में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए यह इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड बेहद महत्वपूर्ण है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।