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    Jamshedpur: सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों की खैर नहीं, DC के एक्शन में कर्मचारी भी नपेंगे

    जमशेदपुर में सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्ज़े को लेकर उपायुक्त ने सख्त रुख अपनाया है। सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर भी गाज गिरेगी। उपायुक्त ने जमीन के रिकॉर्ड की जांच करने और अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं ताकि सरकारी जमीन को सुरक्षित रखा जा सके।

    By Jitendra Singh Edited By: Divya Agnihotri Updated: Sun, 13 Apr 2025 09:34 AM (IST)
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    जमशेदपुर अंचल कार्यालय में औचक निरीक्षण करने पहुंचे उपायुक्त अनन्य मित्तल

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जैसे शांत वन में तूफान ने पत्तों को झकझोर दिया हो, वैसे ही उपायुक्त (डिप्टी कमिश्नर) अनन्य मित्तल ने शनिवार को करनडीह स्थित जमशेदपुर अंचल कार्यालय में औचक दस्तक देकर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों की जड़ें हिला दीं।

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    म्यूटेशन के लंबित मामलों की धूल झाड़ी गई, दस्तावेजों का कोना-कोना टटोला गया। साथ ही बायोमेट्रिक उपस्थिति की कसौटी पर कर्मचारियों को कसा गया।

    इस दौरान कार्यालय की आधारभूत संरचना को चमकाने का संकल्प लिया गया, मानो पुराने दीपक में नई बाती डालकर रोशनी बिखेरी जा रही हो।

    सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर सख्ती

    उपायुक्त ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर कर्मचारियों को कठोर हिदायत दी। राज्य और केंद्र सरकार की जमीन पर अनधिकृत कब्जा या निर्माण को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया गया। अतिक्रमण की अनदेखी करने वाले कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने और बर्खास्तगी तक की चेतावनी दी गई।

    अभियान चलाने के निर्देश

    इस दौरान सर्वेक्षण कर नोटिस जारी करने और जेपीएलई अभियान चलाकर सरकारी जमीन को मुक्त करने का निर्देश दिया गया। टाटा लीज अतिक्रमण और अवैध जमाबंदी के अभिलेखों की पड़ताल ऐसी थी, जैसे कोई पुरातत्वविद् प्राचीन सभ्यता के रहस्य खोज रहा हो।

    म्यूटेशन मामलों में तेजी

    उपायुक्त ने लंबित म्यूटेशन मामलों पर चिंता व्यक्त की और उन्हें जल्द से जल्द निपटाने का आदेश दिया, ताकि लोगों को परेशानी न हो। उन्होंने म्यूटेशन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया।

    दस्तावेजों की जांच

    उपायुक्त ने कार्यालय में आगत-निर्गत पंजी, नीलाम पत्रवाद, लगान निर्धारण, कैशबुक और भूमि हस्तांतरण के अभिलेखों की बारीकी से जांच की। सभी दस्तावेजों को सुव्यवस्थित और अद्यतन रखने का निर्देश दिया गया।

    पारदर्शिता को उन्होंने कार्यालय का प्राण बताया, जिसके बिना हर कार्य अधूरा है। बायोमेट्रिक उपस्थिति की जांच ने कर्मचारियों को सतर्क किया। समय पर उपस्थिति दर्ज न करने वालों को अनुपस्थित मानने की हिदायत दी। निरीक्षण के दौरान अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद और अंचल अधिकारी मनोज कुमार उपस्थित रहे।

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