FLOWER SHOW : लौहनगरी में फिजाओं में घुली फूलों की महक, सर्द शाम में थिरकीं धड़कनें
जमशेदपुर के गोपाल मैदान में 35वीं वार्षिक पुष्प प्रदर्शनी प्रकृति और कला का अद्भुत संगम बनी। रंग-बिरंगे फूलों और बोनसाई ने मन मोहा, वहीं राजा डांस अका ...और पढ़ें

मंगलवार को गोपाल मैदान बिष्टुपुर में डांस करते कलाकार।
जासं, जमशेदपुर। जमशेदपुुर के बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में सजी 35वीं वार्षिक पुष्प प्रदर्शनी मंगलवार की शाम प्रकृति और कला के अद्भुत संगम का साक्षी बनी। कड़ाके की ठंड और सर्द हवाओं के बीच रंग-बिरंगे फूलों ने जहां धरती को सतरंगी चादर ओढ़ा दी, वहीं कलाकारों की ऊर्जावान प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण में गर्माहट घोल दी।
फूलों की खुशबू, संगीत की लय और तालियों की गूंज ने मिलकर जमशेदपुर की शाम को यादगार बना दिया। प्रदर्शनी परिसर में कदम रखते ही ऐसा लगा मानो सर्दियों के बीच ही वसंत मुस्कुरा उठा हो। डहेलिया, जरबेरा और मखमली गुलाब अपनी पूरी आभा के साथ खिले नजर आए।
ये फूल किसी नवयौवना के सोलह शृंगार की तरह मन मोह रहे थे। खास आकर्षण बने बोनसाई, जिनमें बरगद और पीपल जैसे विशाल वृक्षों का रूप छोटे आकार में सिमटकर जीवन के गहरे दर्शन समझा रहा था।
ठंड के बावजूद लोग मफलर और जैकेट में लिपटे, फूलों के बीच खड़े होकर सेल्फी लेने को उत्साहित दिखे। शाम ढलते ही सांस्कृतिक मंच पर रौनक चरम पर पहुंच गई।
इंडियाज गॉट टैलेंट और डांस प्लस जैसे मंचों पर अपनी पहचान बना चुके राजा डांस अकादमी के 100 से अधिक कलाकारों ने जब मंच संभाला, तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
कार्यक्रम की शुरुआत फूलों की थीम पर आधारित नृत्य से हुई, जिसने पुष्प प्रदर्शनी की आत्मा को मंच पर उतार दिया। इसके बाद ‘तारे गिन-गिन’, ‘ले फोटो ले’ जैसे गीतों पर युवा कलाकारों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
‘बम भोले’ की प्रस्तुति से माहौल शिवमय हुआ, तो ‘सिंघम’ के ट्रैक पर बच्चों की ऊर्जा और जोश ने रोमांच भर दिया। संबलपुरी मिक्स ने लोकसंस्कृति की खुशबू बिखेरी, जबकि ‘मारिया-मारिया’ और बॉलीवुड मिक्स ने आधुनिक रंग घोल दिए।
हर प्रस्तुति पर तालियों की गड़गड़ाहट कलाकारों का उत्साह बढ़ाती रही। टेल्को से परिवार संग आए राकेश वर्मा ने कहा कि फूलों के बीच यह सांस्कृतिक संध्या ऑफिस की थकान मिटाने वाली रही।
वहीं छात्रा आराध्या सिंह ने मुस्कुराते हुए कहा कि सेल्फी और डांस दोनों के लिए इससे बेहतर शाम नहीं हो सकती। यह संध्या केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि जमशेदपुर की रचनात्मक ऊर्जा का उत्सव थी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।