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    SIR: आयोग ने जारी किए विधानसभा क्षेत्रवार हेल्पलाइन नंबर, अब पुराने वोटर रिकॉर्ड के लिए नहीं लगानी होगी दौड़, फोन पर मिलेगी जानकारी

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 08:16 PM (IST)

    जमशेदपुर के मतदाताओं के लिए राहत। निर्वाचन आयोग ने 2003 की मतदाता सूची (SIR) को ऑनलाइन पोर्टल पर जारी किया है। जिला प्रशासन ने ऑनलाइन के साथ कंप्यूटर ...और पढ़ें

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    फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। लौहनगरी जमशेदपुर के मतदाताओं के लिए राहत भरी खबर है। निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2003 की मतदाता सूची एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को अब आधिकारिक रूप से ऑनलाइन पोर्टल https://voters.eci.gov.in/ पर सार्वजनिक कर दिया है। 
     
    इसके साथ ही जिला प्रशासन ने एक और सुविधा शुरू की है, जिसके तहत अब ऑनलाइन के साथ-साथ सीधे कंप्यूटर ऑपरेटर और बीएलओ से संपर्क कर भी पुराने रिकॉर्ड हासिल किए जा सकेंगे। 
     
    दरअसल, वर्तमान में जिले में एसआईआर के तहत मतदाता सत्यापन अभियान चल रहा है। इस दौरान कई नागरिकों को 2003 के पुराने रिकॉर्ड खोजने में तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। 
     
    इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने विधानसभा क्षेत्रवार हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। ताकि लोग घर बैठे फोन के माध्यम से अपनी विवरणी प्राप्त कर सकें।


    विधानसभा क्षेत्रवार जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 

    जमशेदपुर प्रखंड (एसी–46)
    9304976905, 8797917952

    जमशेदपुर प्रखंड एवं जुगसलाई नगर परिषद (एसी–47)
    8709307608, 7250799939, 8340614142

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    जमशेदपुर पूर्वी (एसी–48)
    9113183842, 6207690510, 8873242542


    जमशेदपुर पश्चिमी (एसी–49)
    7091267888, 9123142639, 9709199351

    (इन नंबरों पर कॉल कर मतदाता अपने या अपने परिवार के सदस्यों से संबंधित 2003 की मतदाता सूची की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।)

    जानें क्या है एसआईआर और क्यों है यह महत्वपूर्ण 

    एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) का अर्थ है विशेष गहन पुनरीक्षण। वर्ष 2003 में घर-घर जाकर यह विशेष सर्वेक्षण कराया गया था। वर्तमान में झारखंड में इसे स्थानीयता और वंशावली सत्यापन का आधार वर्ष (बेस ईयर) माना जा रहा है।

    वर्तमान मतदाता सूची में नामों की शुद्धता, पुराने निवासियों की पहचान, दोहरी प्रविष्टियों को हटाने और वास्तविक मतदाताओं की पुष्टि के लिए 2003 की इस सूची से मिलान किया जाना आवश्यक है। यह दस्तावेज इस बात का प्रमाण माना जाता है कि संबंधित व्यक्ति या उसके पूर्वज उस समय से यहां निवास कर रहे थे। 

     

    वेब पोर्टल से भी खुद कर सकते हैं जांच 

    डिजिटल सुविधा को बढ़ावा देते हुए निर्वाचन आयोग ने 2003 की पूरी मतदाता सूची ऑनलाइन कर दी है। मतदाता https://voters.eci.gov.in/ पर जाकर स्वयं अपने या अपने परिजनों का नाम खोज सकते हैं।

    हालांकि, अभियान के दौरान यह सामने आया कि कई लोगों को इंटरनेट की जानकारी न होने, तकनीकी समस्याओं या रिकॉर्ड खोजने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। इसी वजह से यह ऑफलाइन सहायता प्रणाली और हेल्पलाइन नंबर शुरू किए गए हैं।

    प्रशासन का उद्देश्य पुराने रिकॉर्ड के माध्यम से पारदर्शी और त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करना है, ताकि भविष्य में किसी भी नागरिक को पहचान या मताधिकार से जुड़ी समस्या न झेलनी पड़े।