Jamshedpur News: आसमान से बरस रही झुलसा देने वाली गर्मी, बच्चों को खाली पेट स्कूल भेजना हो सकता है खतरनाक
Jamshedpur News गर्मी में आपके मौत का कारण भी घर से खाली पेट निकलना बन सकता है। ऐसे में विद्यालय जा रहे बच्चों का घर से खाली पेट निकलना कितना नुकसान हो सकता है। आप अनुमान लगा सकते हैं।

जमशेदपुर (कुमारडुंगी), जासं। आसमान से बरसती आग की वजह से सड़कों का हाल अनुभव किया जा सकता है। ऐसी चिलचिलाती और शरीर को झुलसा देने वाली गर्मी में हजारो की संख्या में बच्चे पैदल अपने घरों की तरफ जाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन आपको बता दें कि ऐसी भयंकर गर्मी मे बिना सावधानी का घर से बाहर निकलना कितना खतरा है। इस गर्मी में आपके मौत का कारण भी घर से खाली पेट निकलना बन सकता है। ऐसे में विद्यालय जा रहे बच्चों का घर से खाली पेट निकलना कितना नुकसान हो सकता है। आप अनुमान लगा सकते हैं। सरकार के निर्देशानुसार सभी विद्यालयों में सुबह छह बजे से कक्षाऐं शुरु हो जाती है। घर में इतना सुबह से खाने के लिए कुछ तैयार नहीं हो पाता है। इस कारण से सभी बच्चे खाली पेट ही घर से विद्यालय के लिए निकल जाते हैं। इधर सुरज निकलते ही गर्मी अपना प्रचंड रुप दिखाना शुरु कर देती है। हालांकि सभी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए मध्यान भोजन की व्यवस्था है। पर वह भी दिन के 11:30 बजे से पहले नहीं मिलती है। इस कारण से 44 डिग्री की कड़ी धूप में 11:30 बजे तक खाली पेट रहना पड़ता है। अगर हम घर मे रह रहे एक आम इंसान की बात करें तो इस प्रचंड गर्मी में सुबह के आठ बजे तक सभी नास्ता कर लेते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में तो दस बजने तक ही लोग भोजन कर लेते हैं। ऐसे में इस गर्मी में छोटे-छोटे बच्चों को 11 से 12 बजे तक भूखे खाली पेट रखना काफी नुकसान दायी है।
गर्मी से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित
यहां कुमारडुंगी प्रखंड क्षेत्र में कुल 76 सरकारी विद्यालय अवस्थित हैं। इसमें से 51 विद्यालय प्राथमिक विद्यालय हैं। जहां कक्षा 1 से 5 वीं कक्षा तक चलती है। वहीं 18 मध्य विद्यालय हैं। जहां कक्षा 1 से 8 वीं तक की कक्षाऐं चलती है। वही दो उत्क्रमित उच्च विद्यालय हैं। जहां कक्षा 1 से 10 तक चलती है। इन सभी विद्यालयों में प्रथम कक्षा में कुल 1378 बच्चे पढ़ते हैं। वहीं द्वितीय कक्षा में 1535 बच्चे, तृतीय में 1477 बच्चे, चतुर्थ में 1447 बच्चे, पांचम में 1388 बच्चे, छठा में 1146 , सातवां में 1005 व आठवां में 871 बच्चे पढ़ते हैं। इस आंकड़ा के अनुसार कुमारडुंगी प्रखंड क्षेत्र में कक्षा एक से आठ तक के कुल 10,247 बच्चों का विद्यालय में मध्यान भोजन बनता है। बाकी कक्षा नौ से प्लस टू तक के 1721 बच्चे भुखे रहकर अपनी शिक्षा पुर्ण कर रहे हैं।
मैं कुमारडुंगी मध्य विद्यालय की आठवीं कक्षा की छात्रा हुं। सुबह छह बजे से विद्यालय आने के कारण मै घर से सुबह हाॅर्लीक्स पीकर आती हुं। उसके बाद भी दस बजते काफी भुख लगता है। 11 बजते भुख से माथा चक्कराना शुरु होता है।
तुलसी बिरुवा, मवि कुमारडुंगी
मैं छोटारायकमन मध्य विद्यालय का छात्र हुं। तीन किलोमीटर दूर उंडुदा गांव से पैदल आता हुं। घर में सुबह कुछ खाने का नहीं रहता है इसलिए खाली पेट आ जाता हुं। 11 बजे खाना मिलता है। उसके बाद भी घर जाते समय गर्मी से माथा चकराता है।
बजाए गागराई, मवि छोटारायकमन
मैं छोटारायकमन विद्यालय का छात्र हुं। घर से भुखे ही स्कूल आ जाता हुं। दिन में भुख काफी लगता है। पेट तक जलना शुरु हो जाता है। पर क्या करें भुख को मिटाने के लिए बार-बार पानी पीना पड़ता है।
आकाश पान, मवि छोटारायकमन
मैं विद्यालय की कक्षा का छात्र हुं। सुबह छह बजे से स्कूल होने के कारण कुछ खा नहीं पाती हुं। इधर स्कूल 12 बजे बंद होती है। इतना धुप में खाली पेट बाहर निकलने का मन तो नहीं करता है पर क्या करें स्कूल में भी नहीं रह सकते।
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