Jamshedpur News: GST घोटाले में व्यवसायी के घर ED की छापेमारी, सेल कंपनी के नाम पर करोड़ों का लेन-देन
जमशेदपुर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो कारोबारियों के घरों पर छापेमारी की जिसमें जीएसटी घोटाले के पैसों को मनी लांड्रिंग के तहत लेन-देन का मामला सामने आया है। ईडी की टीम सेल कंपनियों के खिलाफ देश के आठ ठिकानों पर छापामारी कर रही है जिसमें 800 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले की बात सामने आ रही है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने गुरुवार सुबह जमशेदपुर के दो व्यवसायियों के घर छापेमारी की है, जिसमें करोड़ों रुपये के जीएसटी घोटाले के पैसों को मनी लांड्रिंग के तहत लेन-देन का मामला सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ईडी की टीम ने सेल कंपनियों के खिलाफ देश के आठ ठिकानों पर छापामारी की है। इसमें 800 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले की बात सामने आ रही है।
स्क्रैप कारोबारी बिना माल खरीद-बिक्री किए बिना फर्जी जीएसटी इनवायस जनरेट करते थे और इसी के माध्यम से करोड़ों रुपये का जीएसटी घोटाला सामने आया है।
इस मामले में ईडी की टीम पहले ही जमशेदपुर के जुगसलाई निवासी विक्की भालोटिया, कोलकाता के कारोबारी शिवकुमार देवड़ा, अमित देवड़ा और अमित गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद इन आरोपियों से पूछताछ के बाद ही ईडी ने हवाला के जरिए रुपये के लेन-देन मामले में अब छापेमारी कर रही है।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार ईडी की टीम ने जमशेदपुर के बिष्टुपुर के कांट्रेक्टर एरिया में ज्ञानचंद्र जायसवाल के आवास, बिष्टुपुर सेंट मेरीज स्कूल के सामने स्थित उनके कार्यालय सहित सरायकेला में उनकी कंपनी में भी छापामारी की है।
इसके अलावा जुगसलाई व कदमा में भी एक के यहां छापेमारी किए जाने की बात सामने आई है। ईडी के अधिकारी सुबह पांच बजे ही इन जगहों पर पहुंचे हैं और सेल कंपनियों के नाम पर हुई करोड़ों रुपये के लेन-देन की जांच कर रही है। हालांकि ईडी के अधिकारियों ने फिलहाल इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार किया है।
सेल कंपनियों के माध्यम से करते थे रुपये का लेन-देन
जीएसटी विभाग द्वारा की गई छापेमारी में यह बात सामने आई थी कि विक्की भालोटिया और ज्ञानचंद्र जायसवाल फर्जी तरीके से पहले सेल कंपनियां खड़ी की फिर इन्हीं कंपनियों के माध्यम से माल खरीदने-बेचने का काम किया।
जबकि ये कंपनियां अस्तित्व में ही नहीं है। जेल में बंद विक्की भालोटिया व शिव कुमार देवड़ा से हुई पूछताछ के बाद अब आगे की छापेमारी चल रही है।
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