जमशेदपुर के चुकलिया में रद हो सकते हैं एक हजार से ज्यादा जन्म प्रमाण पत्र, सामने आई ये वजह
चाकुलिया प्रखंड के मटियाबांधी पंचायत में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का मामला सामने आया है। एसडीओ ने तत्काल प्रभाव से इन फर्जी प्रमाण पत्रों को रद्द करने का आदेश दिया है। पंचायत सचिव और वीएलई संदेह के घेरे में हैं। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं जिसमें पाया गया कि अधिकतर फर्जी प्रमाण पत्र जनवरी-फरवरी में जारी किए गए थे।

जागरण टीम, जमशेदपुर। साइबर फ्राड या सिस्टम की मिली भगत...। यही वो सवाल है, जो चाकुलिया प्रखंड के मटियाबांधी पंचायत में बड़े पैमाने पर जन्म प्रमाण पत्र बनाने में हुए फर्जीवाड़े के बाद उठ खड़ा हुआ है। इसके साथ ही ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र बनाने की पूरी प्रक्रिया भी कटघरे में नजर आने लगी है।
पंचायत सचिव लंबे समय से बीमार
दरअसल, फर्जी प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले रजिस्ट्रार यानी मटियाबांधी के पंचायत सचिव सुनील महतो लंबे अरसे से बीमार चल रहे हैं। बताया जाता है कि उन्होंने अपना लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड पंचायत के वीएलई (विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर) को दे रखा था।
संदेह के घेरे में सचिव और वीएलई
यदि यह मान भी लिया जाए कि पूरे मामले में वीएलई संलिप्तता हो सकती है, तब भी प्रमाण पत्र निर्गत करने से पूर्व ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) तो पंचायत सचिव के मोबाइल पर ही आया होगा। उसकी सहमति के बिना प्रक्रिया पूरी नहीं होती है।
फर्जीवाड़ा का मामला उजागर होने के बाद पंचायत सचिव व वीएलई दोनों खुद को निर्दोष बताते हुए पूरे मामले से अनभिज्ञता जाहिर करते हैं। दोनों का मोबाइल बंद है और वे फिलहाल किसी से बात भी नहीं कर रहे हैं।
जनवरी- फरवरी में निर्गत हुए अधिकांश फर्जी प्रमाण पत्र
मटियाबांधी पंचायत से निर्गत जन्म प्रमाण पत्रों की जब जांच की गई तो पाया गया कि अधिकांश फर्जी प्रमाण पत्र जनवरी व फरवरी महीने में निर्गत किए गए हैं। बड़ी बात यह है कि सभी बच्चों की उम्र 3 से 4 वर्ष के बीच दर्शाई गई है। इस आयु वर्ग के बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र निकालने के लिए एसडीओ की मंजूरी आवश्यक होती है।
मामला तब और भी गंभीर हो जाता है जब सभी बच्चों के अभिभावकों का पता जमशेदपुर दिखाया जाता है। इनमें से लगभग 80 फीसदी मुस्लिम समुदाय के बच्चे हैं।
इस वर्ष अभी तक मटियाबांधी पंचायत सचिव सुनील महतो के लॉगिन आईडी से लगभग 1100 से अधिक जन्म प्रमाण पत्र निर्गत हुए हैं। पिछले वर्ष यानी 2024 में लगभग 3000 जन्म प्रमाण पत्र निर्गत हुए थे। अब प्रशासन इन सारे प्रमाण पत्रों की जांच करने जा रहा है।
चाकुलिया का सर्टिफिकेट देखकर हुआ शक
जमशेदपुर के जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष कुमार पांडे ने बताया कि निजी विद्यालयों में प्रवेश कक्षा में नामांकन को लेकर बच्चों के आवेदन के साथ जो जन्म प्रमाण पत्र दिए गए थे, उनमें बड़ी संख्या में प्रमाण पत्र चाकुलिया से निर्गत थे।
जबकि अभिभावकों का आवासीय पता जमशेदपुर अंकित था। इसे लेकर उन्हें थोड़ा संदेह हुआ और उन्होंने चाकुलिया बीडीओ आरती मुंडा को इन जन्म प्रमाण पत्र की सत्यता की जांच करने से संबंधित पत्र लिखा। इसके बाद ही इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।
अब देखने वाली बात यह होगी कि साइबर अपराधियों द्वारा सिस्टम को हैक करके फर्जी प्रमाण पत्र निर्गत किए गए हैं अथवा सिस्टम में लिप्त लोगों के भ्रष्टाचार एवं मिली भगत से यह कारनामा हुआ है। यह तभी सामने आएगा जब पूरे मामले की सघन जांच की जाएगी।
एसडीओ सुनील चंद्र ने पंचायत से निर्गत सारे प्रमाण पत्र के जांच के निर्देश दे दिए है। फर्जी प्रमाण पत्र को रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई है। एसडीओ सुनील चंद्र ने कहा की मामले की पूरी गहनता से जांच किया जा रहा है। वे भी इस मामले की स्वयं जाकर जांच करेंगे।
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