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    बच्ची के गले में फंसा रहा सिक्का, इलाज के लिए दो दिन तक भटकती रही; मसीहा बनकर आया भाजपा का यह नेता

    जमशेदपुर की रहने वाली पांच साल की मोनिका रविवार को खेल-खेल में सिक्‍का निगल गई। चूंकि एमजीएम में सिक्का निकालने की सुविधा नहीं है इसलिए इलाज के लिए बच्‍ची दो दिन तक भटकते रही। इसके बाद टीएमएच अस्पताल ले जाया गया। जहां पर 40 हजार रुपये खर्च बताया गया। ऐसे में भाजपा नेता विकास सिंह मदद के लिए आगे आए।

    By Amit Kumar Edited By: Arijita Sen Updated: Wed, 13 Mar 2024 04:50 PM (IST)
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    बच्ची का सिक्का निकालने के बाद चिकित्सक व उनके स्वजन।

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। बच्चे को सिक्का बिल्कुल भी नहीं दें। वह कई बार जानलेवा भी साबित हो सकता है। मंगलवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया। बड़ी मुश्किल से पांच वर्षीय बच्ची के गले से सिक्का निकालकर उसकी जान बचाई गई।

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    खेल-खेल में निगल गई सिक्‍का

    मानगो गुरुद्वारा बस्ती निवासी अक्षय कैवर्त की पुत्री मोनिका कुमारी (5) खेल-खेल में रविवार को एक सिक्का निगल गई। इसके बाद आनन-फानन में उसे कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल काॅलेज अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने सुविधा नहीं होने की बात कहते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया। इसके बाद स्वजन द्वारा टीएमएच अस्पताल ले जाया गया। जहां पर 40 हजार रुपये खर्च बताया गया।

    भाजपा नेता ने बढ़ाया मदद का हाथ

    स्वजन के पास उतनी राशि नहीं होने के कारण वह बच्ची को लेकर वापस घर लौट आए। इसके बाद स्वजन ने भाजपा नेता विकास सिंह से संपर्क किया। विकास सिंह ने उन्हें भरोसा दिया कि आपकी बच्ची का सिक्का निकलेगा। पैसे की चिंता आप नहीं कीजिए। इसके बाद उन्होंने साकची मेडिसिस्ट हास्पिटल में बच्ची का सिक्का निकलवाया। अब बच्ची स्वस्थ है।

    वहीं, बच्ची के पिता अक्षय कैवर्त फुटपाथ पर मछली बेचने का कार्य करते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण बच्ची का इलाज कराने में असमर्थ थे। इधर, बच्ची दो दिन से परेशान थी। वह दर्द से तड़प रही थी।

    एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डा. रवींद्र कुमार ने कहा कि बच्ची के गले में अंदर तक सिक्का चला गया था। उसकी सुविधा यहां नहीं होने के कारण हायर सेंटर रेफर किया गया। हालांकि, जल्द ही यहां सभी तरह की सुविधा उपलब्ध होगी, ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो।

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