Move to Jagran APP

NCERT की पुस्तक में आम बेचती ‘छोकरी’ देख मच गया हंगामा, ट्वीटर पर एक-दूसरे से भिड़े नेटीजंस

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीआरईटी) की पहली कक्षा की हिंदी की पुस्तक में छपी बच्चों की एक कविता पर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है। कईयों को इस कविता में कुछ भी गलत नजर नहीं आता वहीं कुछ ट्वीटर पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 10:15 AM (IST)
NCERT की पुस्तक में आम बेचती ‘छोकरी’ देख मच गया हंगामा

जमशेदपुर। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीआरईटी) की पहली कक्षा की हिंदी की पुस्तक में छपी बच्चों की एक कविता पर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है। कईयों को इस कविता में कुछ भी गलत नजर नहीं आता, वहीं दूसरी ओर नेटीजंस इसके भाव को लेकर ट्वीटर पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।

loksabha election banner

जानिए, आखिर क्या है कविता में

आइए, अब हम आपको बताते हैं कि आखिर इस कविता में ऐसा क्या है, जिसे लेकर ट्वीटर पर लोग एक-दूसरे से भिड़ रहे हैं। ‘आम की टोकरी’ नामक शीर्षक की इस कविता में छह साल की बच्ची सिर पर आम की टोकरी लेकर उसे बेचने जा रही है। कविता में उस बच्ची को ‘छोकरी’ कहकर संबोधित किया गया है। देश के कई हिस्सों में ‘छोकरी’ शब्द को बालिकाओं के लिए अपमानजनक शब्द समझा जाता है। इसके विषय की भी आलोचना की जा रही है। नेटीजंस कह रहे हैं कि इससे बाल श्रम को बढ़ावा मिलता नजर आता है।

आइएएस अधिकारी अवनीश शरन ने ट्वीट की 

2009 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आइएएस अधिकारी अवनीश शरन ने सबसे पहले इस कविता को ट्वीटर पर शेयर किया। अवनीश राज्य के तकनीकी शिक्षा विभाग में पदस्थापित हैं। उन्होंने पाठ्यपुस्तक की कविता का स्क्रीनशॉट ट्वीटर पर साझा करते हुए न सिर्फ इसे घटिया क्वालिटी का बता दिया, बल्कि कवि की सोच पर भी सवाल उठा दिया। लगे हाथों उन्होंने कविता को पाठ्यक्रम से हटाने की भी सलाह दे डाली। 

उत्तराखंड के कवि रामकृष्ण खद्दर ने लिखी है कविता

‘आम की टोकरी’ कविता को उत्तराखंड के कवि रामकृष्ण शर्मा खद्दर ने लिखा है। खद्दर बच्चों की साहित्य लिखते हैं और यह कविता 2006 से ही पाठ्यपुस्तक रिमझिम का हिस्सा बनी हुई है। कविता में उसी पेज पर छात्रों के लिए अतिरिक्त अभ्यास दिए गए हैं और अध्यापकों को सहाल दी गई है कि वह बच्चों को बालश्रम के बारे में बताएं। पुस्तक के अभ्यास में लिखा है, बच्चों से पूछिए कि क्या वो ऐसे बच्चों को जानते हैं, जो बाज़ार में चीज़ें बेंचते हैं, और क्या वो स्कूल जाते हैं? अगर वो स्कूल नहीं जाते, तो बच्चे स्कूल में भर्ती होने में उनकी कैसे मदद कर सकते हैं। अभ्यास पुस्तिका में यह भी लिखा गया है कि तस्वीर में लड़की ऐसे दिखा रही है, जैसे वो आम बेच रही है। बच्चों से कहिए कि वो कक्षा में आम, नींबू, केला, गन्ना, मूंगफली, सेब, दवा की गोलियां जैसी अलग-अलग चीजें खाने की नक़ल करें’।

देखिए कैसे ट्वीटर पर यूजर्स एक दूसरे से भिड़ रहे हैं....

साहिबा चौहान ने कहा, 

शिशिर सिंह ने भी साहिबा का समर्थन किया 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.