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    ब्लिंकिट ने खोले देश के टॉप कैंपस के राज, XLRI ने आईआईएम कलकत्ता को मिक्सर में पछाड़ा, IIM-A निकला पढ़ाई का बॉस

    By jitendra singhEdited By: Sanjeev Kumar
    Updated: Wed, 31 Dec 2025 05:39 PM (IST)

    ब्लिंकिट ने अपने साल के आंकड़ों को होर्डिंग के जरिए जारी कर इंटरनेट पर हलचल मचा दी है। इन आंकड़ों में देश के प्रतिष्ठित कॉलेजों के छात्रों की ऑर्डरिंग ...और पढ़ें

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    जमशेदपुर में ब्लिंकिट की ओर से सड़क किनारे लगाए गए होर्डिंग्‍स।

    जासं, जमशेदपुर। साल 2025 की विदाई हो चुकी है और हर तरफ ईयर-एंडर्स (साल का लेखा-जोखा) की चर्चा जोरों पर है। इसी कड़ी में ऑनलाइन Grocery App ब्लिंकिट ने अपने सालाना आंकड़ों को जारी करने का एक ऐसा तरीका चुना है, जिसने पूरे इंटरनेट को हिला कर रख दिया है। 
     
    Blinkit ने देश के विभिन्न शहरों में होर्डिंग लगाकर यह खुलासा किया है कि आखिर साल भर देश के प्रतिष्ठित कॉलेज और यूनिवर्सिटीज के छात्र क्या आर्डर करते रहे। इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम जमशेदपुर के XLRI का आया है। 
     
    ब्लिंकिट के एक वायरल होर्डिंग के अनुसार, एक्सएलआरआइ के छात्रों ने मिक्सर ऑर्डर करने के मामले में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM), कलकत्ता को भी पीछे छोड़ दिया है।
     
     

    एक्सएलआरआइ बनाम आइआइएम : आंकड़ों की जुबानी  

    इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे होर्डिंग पर साफ शब्दों में लिखा है- एक्सएलआरआइ ने आइआइएम-सी (कलकत्ता) की तुलना में दोगुने मिक्सर आर्डर किए। साथ ही, ब्लिंकिट ने बड़े ही मजाकिया अंदाज में कैप्शन दिया है- क्यों नहीं हो रही पढ़ाई?
     
    यहां जिन लोगों को मिक्सर का मतलब किचन में इस्तेमाल होने वाला मिक्सर-ग्राइंडर लग रहा है, उनकी जानकारी के लिए बता दें कि यहां बात पार्टी की हो रही है। युवा बोलचाल में मिक्सर का अर्थ उन कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा या टानिक वाटर से है, जिन्हें अक्सर पार्टी के दौरान अन्य पेय पदार्थों के साथ मिलाया जाता है। 
     
    ब्लिंकिट का यह आंकड़ा परोक्ष रूप से यह इशारा करता है कि 2025 में एक्सएलआरआइ के छात्रों ने आइआइएम कलकत्ता के छात्रों की तुलना में कहीं अधिक पार्टियां की हैं।
     
     

    आइआइएम अहमदाबाद: 'तुम तो छाप रहे हो'  

    ब्लिंकिट ने सिर्फ एक्सएलआरआइ की ही टांग नहीं खींची, बल्कि आइआइएम अहमदाबाद (आइआइएम-ए) के छात्रों को पढाकू साबित करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। एक अन्य होर्डिंग में बताया गया कि आइआइएम अहमदाबाद में एक साल के भीतर 60 हजार 456 प्रिंटआउट के आर्डर मिले। 
     
    इस पर ब्लिंकिट ने चुटकी लेते हुए लिखा- तुम तो छाप रहे हो। यह आंकड़ा मैनेजमेंट के छात्रों के बीच उस पुरानी धारणा को पुख्ता करता है कि आइआइएम के छात्र हमेशा केस स्टडीज और प्रोजेक्ट्स के प्रिंटआउट निकालने में ही व्यस्त रहते हैं।
     
     

    इंटरनेट मीडिया पर छिड़ी मजेदार जंग  

    जमशेदपुर स्थित एक्सएलआरआइ कैंपस के बाहर यह होर्डिंग लगी है। जैसे ही ये होर्डिंग इंटरनेट मीडिया पर आए, पूर्व और वर्तमान छात्रों के बीच एक मजेदार बहस शुरू हो गई। 
     
    Linkedin पर प्रणव कर्माकर ने इस होर्डिंग की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, एक्सएलआरआइ और आइआइएम कलकत्ता की प्रतिद्वंद्विता हमेशा से कैंपस की बात थी, लेकिन ब्लिंकिट ने इसे होर्डिंग पर लाकर सड़क पर ला दिया है। एक्सएलआरआइ के लोग मुस्कुरा रहे हैं (और मिक्स कर रहे हैं), जबकि आइआइएम वाले अपनी वापसी की योजना बना रहे हैं। 
     
    इंस्टाग्राम पर 'कैटप्रेपविदपल्लव' नामक हैंडल से भी इसे साझा किया गया। इंटरनेट यूजर्स की प्रतिक्रियाएं भी बेहद रोचक हैं। एक यूजर ने लिखा, आइआइएम कलकत्ता के पूर्व छात्रों आप कहां हैं? आपकी टीम हार रही है। 
     
    वहीं, एक अन्य यूजर ने अपनी मासूमियत जाहिर करते हुए लिखा, मुझे तो पहले लगा कि ये लोग कैंपस में इतने सारे मिक्सर-ग्राइंडर क्यों खरीद रहे हैं, क्या वहां सामूहिक खाना बन रहा है?
     
     

    मार्केटिंग का नया और अनूठा तरीका  

    ब्लिंकिट का यह अभियान मार्केटिंग के लिहाज से उत्तम में सर्वोत्तम का उदाहरण बन गया है। कंपनी ने न केवल अपने डेटा का इस्तेमाल किया, बल्कि उसे देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों की संस्कृति (कल्चर) से जोड़कर एक कहानी बुन दी। 
     
    एसपीजेआइएमआर के एक पूर्व छात्र ने कमेंट करते हुए लिखा, ब्लिंकिट टीम, अपने अगले अभियान के लिए हमारे कॉलेज का भी ध्यान रखें। लोगों का मानना है कि इस तरह के विज्ञापन न केवल हंसाते हैं, बल्कि ब्रांड को युवाओं के बीच चर्चा का विषय भी बना देते हैं।
     
    फिलहाल, जमशेदपुर के एक्सएलआरआइ और आइआइएम के बीच की यह मिक्सर वाली जंग इंटरनेट पर खूब शेयर की जा रही है और हर कोई यही पूछ रहा है- आखिर कैंपस में चल क्या रहा है?
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