Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand Police: कौन है सदर थाना का दारोगा रमेश हज्जाम, बार-बार लगते हैं गंभीर आरोप, प्रताड़ना के बाद आत्महत्या मामले में एसपी से शिकायत

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 05:31 PM (IST)

    हजारीबाग सदर थाना में पदस्थापित दारोगा रमेश हज्जाम पर अक्सर आरोप लगते रहे हैं। जब भी कोई संवेदनशील मामला आता है उसमें रमेश हज्जाम का नाम आता है। ताजा मामला झंडा चौक निवासी मोहम्मद वकील द्वारा आत्महत्या किए जाने को लेकर है। रमेश हज्जाम पर वकील के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं।

    Hero Image
    सदर थाना में पदस्थापित दारोगा रमेश हज्जाम की शिकायत एसपी के पहुंची है।

    संवाद सहयोगी, हजारीबाग : Jharkhand Police चोरी के आरोपित को जेल भेजने और उसके बाद उसके पिता द्वारा आत्महत्या कर लेने का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    मामला एसपी के पास पहुंचा है। कांग्रेस ओबीसी मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष सुरजीत नागवाल इसे लीड कर रहे हैं। पूरे प्रकरण में विवाद की जड़ सदर थाना में पदस्थापित एक दारोगा को बताया जा रहा है जिनका नाम रमेश हज्जाम है ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बताया जाता है कि जब भी कोई संवेदनशील मामला आता है, उसमें रमेश हज्जाम का नाम आता है। ताजा मामला भी रमेश हज्जाम से जुड़ा है और झंडा चौक निवासी मोहम्मद वकील द्वारा आत्महत्या किए जाने को लेकर रमेश हज्जाम पर ही परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं।

    घटना के बाद कांग्रेस ओबीसी मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष सुरजीत नागवाला के नेतृत्व में मृतक के परिजन सोमवार को एसपी अंजनी अंजन से मिले और सदर थाना में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर रमेश हज्जाम के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना और रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगाए।

    क्या है मामला

    सदर थाना के सुंदरी मार्केट में रंगेहाथ चोरी करते हुए एक महिला ने 24 जुलाई को मोहम्मद वकील के बेटे मोहम्मद अल्ताफ को पकड़ कर थाना को सौंपा था। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद आरोपित को 25 जुलाई को जेल भेज दिया।

    आरोप है कि उसी शाम 5:52 बजे सब इंस्पेक्टर रमेश हजाम ने मोहम्मद वकील को थाना बुलाया, जहां परिजनों का आरोप है कि उन्हें गाली-गलौच कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और 25 हजार रुपये मांगे।

    एसपी को दिए आवेदन में परिजनों का यह भी आरोप है कि बेटे को जेल भेजने के बाद पिता को थाने में बुलाना संदिग्ध था और वहां उन्हें बुरी तरह अपमानित किया गया, जिससे आहत होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली।

    मृतक के बड़े पुत्र मोहम्मद रूमान ने एसपी को दिए आवेदन में यह भी आरोप लगाया है कि पोस्टमार्टम के दौरान 17 वर्षीय नाबालिग भाई से चार सादे कागज पर हस्ताक्षर कराए गए, जो न्यायिक प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

    आरोपित को जब जेल भेज ही दिया गया तो पैसे की कोई क्यों मांग करेगा। मो. वकील पूर्व में अपने पारिवारिक परेशानियों को बता चुके थे। बात रही संध्या में मो. वकील को थाना बुलाने को तो उन्हें इस बात की जानकारी देने के लिए बुलाया गया था कि आरोपित अल्ताफ का बैग जेल में एक्सेप्ट नहीं किया गया था। इसकी जानकारी देनी आवश्यक थी।

    - रमेश हज्जाम, दारोगा, सदर थाना

    किसी भी अभियुक्त को जेल भेजते समय उसके परिवार को सूचित किया जाता है और उसका निजी सामान लौटाने के लिए बुलाया जाता है। यह सामान्य प्रक्रिया है और इसमें कोई गलत बात नहीं है। बावजूद इसके मामले की जांच की जा रही है। - सुभाष सिंह, थाना प्रभारी, सदर, हजारीबाग।

    पुलिस की प्रताड़ना और भ्रष्ट मानसिकता ने एक व्यक्ति को आत्महत्या के लिए विवश कर दिया। दोषी अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई जरूरी है।

    -सुरजीत नागवाला, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष, ओबीसी मोर्चा,कांग्रेस