Khan Sir का स्टूडेंट... देख नहीं सकता, पर मां ने क्रैक करा दी UPSC परीक्षा; दिल छू लेगा सफलता का राज
नवादा के रवि राज जो देख नहीं सकते ने यूपीएससी परीक्षा में 182वीं रैंक हासिल करके अद्भुत सफलता प्राप्त की है। उनकी मां विभा सिन्हा ने उनकी तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रवि ने ऑनलाइन पढ़ाई और खान सर से मार्गदर्शन प्राप्त किया। उनकी सफलता पर चौपारण में खुशी का माहौल है। रवि राज की यूपीएससी सक्सेस स्टोरी काफी प्रेरणादायक है।

शशि शेखर, चौपारण (हजारीबाग)। यह अद्भुत है सचमुच अद्भुत... बचपन से कहावत सुनते आए हैं कि पालने में ही पूत के पांव दिख जाते हैं, लेकिन जरा सोचिए जब पुत्र के बारे में मां को यह पता चले कि वह दृष्टिबाधित है तो उसके कलेजे पर क्या बीतती होगा। कुछ ऐसा ही बड़ा कष्ट महसूस हुआ विभा सिन्हा को।
विभा का ननिहाल चौपारण है। उसकी शादी रंजन सिन्हा महुली नवादा बिहार संग हुई। उनकी कोख से एक अद्भुत बालक ने जन्म लिया। जिसके नाम है रवि राज। वह दृष्टिबाधित था, लेकिन उसने अपनी 25 साल के उम्र में जो उपलब्धि हासिल की है, वह हर किसी के लिए एक शानदार सुखद संदेश दे रही है।
सिविल सेवा परीक्षा में 182वीं रैंक
दरअसल, विभा सिन्हा के होनहार पुत्र को भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा (UPSC Civil Services Exam) में 182वीं रैंक मिली है। रवि राज ने 182वीं रैक लाकर एक नया इतिहास रच दिया है।
उसने करोड़ों भारतीयों का दिल जीत लिया है। इस अद्भुत कारनामे के सुपरहीरो रवि की गाथा सचमुच अनोखी है और उसकी इस अनोखी गाथा में सबसे अधिक मददगार उनकी मां साबित हुई है।
चौपारण में खुशियों का माहौल
इधर, चौपारण में सिविल सेवा परीक्षा सफल में रवि के मां के ननिहाल में काफी खुशियां मनाई जा रही हैं। परिजन काफी खुश हैं तथा एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं।
उनके नाना सत्यदेव प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद, अलखदेव प्रसाद, मामा संजय सिन्हा, दिलीप सिन्हा, राजीव सिन्हा, पुतुल सिन्हा, विपुल सिन्हा सहित सभी काफी खुश हैं।
इस बात की जानकारी देते हुए पुतुल सिन्हा ने बताया कि बचपन से ही रवि राज काफी मेहनती था। उसमें काफी अधिक प्रतिभा थी। उसके पिता रंजन सिन्हा साधारण किसान हैं तथा मां गृहिणी है। रवि ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में ही हासिल की और उसके बाद नवादा के सीताराम साहू कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
मां की भूमिका रही सबसे महत्वपूर्ण
इसके बाद उसने सिविल सेवा की परीक्षा के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया और इसमें सबसे अधिक मददगार उनकी मां विभा रही। रवि ने तैयारी अपने नवादा शहर में ही रहकर पूरी की।
उसने ऑनलाइन काफी सामग्री इकट्ठा की, जिसे पढ़कर उनकी मां दोहराती थी और वह उन्हें कंठस्थ करता था। इसी के साथ ऑनलाइन पढ़ाई करते हुए वह खान सर के संपर्क में भी आया तथा उनसे भी सहायता हासिल की।
इसके बाद, सिविल सेवा के इंटरव्यू की तैयारी के लिए वह कुछ समय के लिए दिल्ली भी गया। रवि को पिछले साल बीपीएससी परीक्षा में अभी अच्छी रैंक मिली।
वहीं, इस साल उसने सिविल सेवा क्रैक कर ली। रवि को खान सर ने भी काफी मदद पहुंचाई। इधर, रवि की सफलता पर चौपारण में भी काफी खुशी का माहौल देखा गया।
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