Rashtriya Bal Puraskar 2025: सब्जी बेचने वाली की बेटी ने जीता पुरस्कार, आसान नहीं रहा मिट्टी घर से राष्ट्रपति भवन तक सफर
झारखंड के हजारीबाग की एक सब्जी बेचने वाली की बेटी ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025(Veer Bal Diwas 2025) जीता है। मिट्टी के घर से राष्ट्रपति भवन तक का उस ...और पढ़ें

फुटबॉल खिलाड़ी अनुष्का
जागरण संवाददाता, हजारीबाग। कहते हैं कि मजबूत इरादे और अथक परिश्रम किसी भी अभाव को पीछे छोड़ सकते हैं। इस कथन को सच कर दिखाया है हजारीबाग आवासीय फुटबॉल प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही होनहार महिला फुटबॉल खिलाड़ी अनुष्का कुमारी(Veer Bal Diwas 2025) ने।
खेल के क्षेत्र में असाधारण प्रतिभा, अनुशासन और निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अनुष्का को राष्ट्रपति बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान न केवल अनुष्का की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे हजारीबाग जिले और झारखंड के लिए गर्व का क्षण है।
सब्जी बेचकर मां चलाती है घर
अनुष्का की सफलता की कहानी बेहद भावुक और प्रेरणादायक है। वह मूल रूप से रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड अंतर्गत मुंडा टोली की रहने वाली हैं। उनके पिता दिलेश मुंडा लंबे समय से गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, जिस कारण वे काम करने में असमर्थ हैं।
परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उनकी मां के कंधों पर है, जो खेती-बाड़ी करने के साथ-साथ सब्जी बेचकर किसी तरह परिवार का गुजारा करती हैं। मिट्टी के घर में रहने वाले इस परिवार में अनुष्का दो भाइयों और एक बहन के बीच दूसरे नंबर पर हैं। सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद अनुष्का ने कभी अपने सपनों को कमजोर नहीं पड़ने दिया।
कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने नाम किए पदक
खेल के मैदान में अनुष्का ने अपनी मेहनत से एक के बाद एक उपलब्धियां हासिल की हैं। सैफ खेलों में स्वर्ण पदक, एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक सहित उन्होंने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और राज्य स्तरीय स्कूल गेम्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पदक अपने नाम किए हैं।
उनकी सफलता के पीछे वर्षों की कड़ी मेहनत, अनुशासन और हजारीबाग आवासीय फुटबॉल प्रशिक्षण केंद्र में मिली सशक्त ट्रेनिंग की अहम भूमिका रही है।
राष्ट्रपति बाल पुरस्कार मिलने की खबर जैसे ही हजारीबाग पहुंची, प्रशिक्षण केंद्र में खुशी की लहर दौड़ गई। साथी खिलाड़ियों, कोच और खेल प्रेमियों ने अनुष्का की उपलब्धि पर गर्व जताया।
मुंडा टोली में उत्सव जैसा माहौल
वहीं उनके गांव मुंडा टोली में भी उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। लोगों ने मिठाइयां बांटीं और अनुष्का को गांव की बेटी बताते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस संबंध में कोच सुशीला साहू ने बताया कि हजारीबाग में संचालित राज्य स्तरीय आवासीय फुटबॉल प्रशिक्षण केंद्र से निकलकर अनुष्का ने यह साबित कर दिया है कि सही मार्गदर्शन और दृढ़ संकल्प से ग्रामीण पृष्ठभूमि की बेटियां भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकती हैं। अनुष्का आज उन हजारों बेटियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं, जो कठिन हालात के बावजूद अपने सपनों को सच करने का साहस रखती हैं।

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