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    Hazaribagh News: ट्रांसपोर्ट ऑफिस में हुए फर्जीवाड़े से मचा हड़कंप, शिकायत लेकर पहुंचे 250 से ज्यादा लोग

    झारखंड के हजारीबाग में ड्राइविंग लाइसेंस में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कोरोना काल के दौरान यहां 1990 से लेकर 2000 के बीच मैन्युअल रूप से जारी किए 600 से अधिक लाइसेंस के मालिकों का नाम बदल दिया गया। इनकी जगह पर नए नाम से हैवी वाहनों के लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं। कार्यालय में एक ही मामले को लेकर 250 से ज्यादा शिकायत आई हैं।

    By arvind rana Edited By: Divya Agnihotri Updated: Fri, 07 Mar 2025 11:29 AM (IST)
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    हजारीबाग जिला परिवहन कार्यालय में बड़ा फर्जीवाड़ा

    अरविंद राणा, हजारीबाग। जिला परिवहन कार्यालय में पुराने लाइसेंस को ऑनलाइन करने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। यहां 1990 से लेकर 2000 के बीच मैन्युअल रूप से जारी किए 600 से अधिक लाइसेंस के मालिक बदल कर किसी और के नाम से लाइसेंस जारी कर दिया गया है। मामला हैवी लाइसेंस से जुड़ा हुआ है।

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    250 से ज्यादा लोगों ने की शिकायत

    इस बात का खुलासा परिवहन कार्यालय में आए आवेदनों से हुआ है। करीब 250 से अधिक आवेदन कार्यालय को प्राप्त हुए और सभी में एक ही प्रकार के आरोप है।

    पत्र में शिकायत की गई है कि उनके नाम से जारी लाइसेंस में ऑनलाइन जांच करने के बाद किसी और का नाम और फोटो दिखाई दे रहा है। उनके नाम के लाइसेंस को किसी और के नाम से जारी कर दिया गया है।

    कोरोना काल से चल रही धांधली

    इस बात की जानकारी सामने आने के बाद से कार्यालय में हड़कंप मच गया है। जानकारी के अनुसार कोविड काल से लेकर 2024 तक इस तरह का खेल परिवहन कार्यालय में हुआ है। पुराने लाइसेंस का उपयोग भारी वाहनों के लिए जारी करने वाले हैवी लाइसेंस में किया गया है।

    दलाल के माध्यम से कार्यालय कर्मियों ने मिलीभगत कर प्रति लाइसेंस 20-30 हजार रुपये लेकर यह खेल किया गया है। जांंच होने पर विभाग के कई लोगों का नाम इसमें सामने आ सकता है।

    एक साल बाद जारी होता है हैवी लाइसेंस

    नियम के अनुसार भारी वाहनों के लिए लाइसेंस जारी करने के लिए एक लाइसेंस की उम्र एक वर्ष होनी चाहिए। परंतु हजारीबाग में बिना नियम तोड़े दलालों ने मालिक का नाम बदलकर 600 से अधिक लाइसेंस कार्यालय की ओर से जारी कर दिए।

    सूत्रों की माने तो परिवहन कार्यालय हजारीबाग में इस तरह के खेल लंबे समय से चल रहा है। 1500 से अधिक लाइसेंस इस तरह के बनाए गए है। अगर जांच की जाए तो कई परिवहन कर्मी और पदाधिकारी जेल के सलाखों के पीछे होंगे।

    बड़े पैमाने पर पुराने लाइसेंस होल्डर ने कार्यालय को आवेदन देकर शिकायत किया है कि उनके नाम से जारी लाइसेंस में किसी और कि फोटो और नाम दिखा रहा है। लगातार पत्र मिल रहे है और यह संख्या 200 के पार हो गई है। विभाग इस दिशा में जांच शुरु कर दी है। जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी।

    बैजनाथ कामती, परिवहन पदाधिकारी, हजारीबाग

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