Jharkhand: 'धनबाद में लठैत रखती हैं कोयला कंपनियां, पुलिस भी देती है साथ'; सदन में उठी जांच कमेटी के गठन की मांग
धनबाद के कोयला खनन इलाकों में कई कंपनियों की दबंगई का मामला सामने आया है। सिंदरी के विधायक चंद्रकांत महतो ने गुरुवार को ध्यानाकर्षण के जरिए विधानसभा में यह मामला उठाया। विधायक ने कहा कि देवप्रभा कंपनी ने आतंक मचा रखा है। एक स्वर में कोयलांचल के विधायकों ने इस पर आवाज उठाई। इस पर मंत्री ने कहा कि विधानसभा की कमेटी से जांच करा ली जाए।
राज्य ब्यूरो, रांची। धनबाद के कोयला खनन इलाकों में बीसीसीएल और आऊटर्सोसिंग कंपनियों की समानांतर सत्ता चलती है। ये रैयतों की जमीन पर कब्जा कर खनन करने के साथ-साथ सरकारी जमीन को भी घेरते हैं। विरोध करने वालों को इनके द्वारा रखे गए लठैत मारते हैं और पुलिस प्रशासन भी उनका साथ देती है। देवप्रभा कंपनी ने आतंक मचा रखा है।
ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठा मुद्दा
सिंदरी के विधायक चंद्रकांत महतो ने गुरुवार को ध्यानाकर्षण के जरिए विधानसभा में यह मामला उठाते हुए कहा कि जमीन पर जबरन ओबी (ओवर बर्डेन) गिरा दिया जाता है। अधिकारी मूकदर्शक बने रहते हैं। उन्होंने कई घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि बीसीसीएल के विरुद्ध कार्रवाई हो।
बताया कि शौच करने गए एक रैयत पर हाइवा चढ़ा दिया गया। आंदोलन करने पर मुकदमा लाद दिया जाता है। इसपर भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि आरोप सही है।
राज्य सरकार कार्रवाई की प्रक्रिया आरंभ करेगी। महतो का साथ कोयलांचल के अन्य विधायकों समेत जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने भी दिया और अपने अनुभव बताए।
मंत्री ने स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो से आग्रह किया कि वे नियमन दें। इस प्रकरण की जांच विधानसभा की कमेटी से कराएं। स्पीकर ने कहा कि वे इसपर निर्णय लेकर सूचित करेंगे।
कोल इंडिया को राजनीतिक संरक्षण
- निरसा के विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि कोल इंडिया को राजनीतिक संरक्षण है। कंपनी के लठैत भी उन्हें मारते हैं और पुलिस भी मारती है। मंत्री ने कहा कि यह राजस्व की क्षति और माफियागिरी का मामला है।
- सरयू राय ने कहा कि जितना इस मामले का उल्लेख किया जा रहा है, वह उससे 100 गुना अधिक है। कंपनियों की गुंडागर्दी चल रही है, ये ओबी नदी में गिराते हैं।
- डुमरी के विधायक जयराम कुमार महतो ने कहा कि यह गंभीर विषय है और वे विधायकों की बात का समर्थन करते हैं, कंपनी के अपने लठैत हैं।
- चंदनक्यारी के विधायक उमाकांत रजक ने कहा कि बीसीसीएल सरकारी जमीन का भी अतिक्रमण करती है, देवप्रभा कंपनी ने आतंक मचा रखा है। उसका राजनीतिक आतंक है और लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। विधानसभा की कमेटी मामले की जांच करे।
- मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि विस्थापितों और रैयतों के साथ घटनाएं हो रही है। महिलाएं जमीन में दब गई, समिति बनाइए।
- मंत्री दीपक बिरुआ ने अंत में कहा कि ऐसे लोग सरकार को चैलेंज कर रहे हैं। सरकारी बर्दाश्त नहीं करेगी। भूमि हड़पने की जांच-पड़ताल भी होगी। उन्होंने स्पीकर से आग्रह किया कि इसपर विधानसभा की कमेटी बनाएं।
सहारा मामले में अधिकारी को दिल्ली भेजेगी सरकार
वित्त मंत्री-कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव के सवाल पर सरकार का जवाब वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने गुरुवार को कहा कि सहारा में फंसे झारखंड के निवेशकों का पैसा दिलाने को लेकर एक अधिकारी को सरकार दिल्ली भेजेगी।
बताया कि सरकार ने अब तक इस मामले में छह बार सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटी को पत्र लिखा है, लेकिन किसी भी पत्र का जवाब नहीं आया है।
एक बार फिर पत्र लिखेगी सरकार
एक बार फिर पत्र लिखा जाएगा। एक अधिकारी को भी दिल्ली भेजा जाएगा ताकि वस्तुस्थिति स्पष्ट हो। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड के कितने निवेशकों का कितना पैसा सहारा में फंसा, इसकी कोई सूची सरकार के पास नहीं है।
सरकार एक पोर्टल बनाने का भी प्रयास करेगी, जिसमें निवेशक अपनी पूरी डिटेल सरकार उपलब्ध कराएंगे ताकि सरकार को यह पता चले कि राज्य के कितने निवेशक हैं।
राज्य के निवेशकों का पैसा दिलाने की जिम्मेवारी सरकार की है। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने ध्यानाकर्षण के माध्यम ये यह सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि लाखों निवेशकों का पैसा सहारा में फंस गया है। वह अब तक वापस नहीं हुआ है।
उन्होंने सचिव स्तर के दो अफसरों को दिल्ली भेजने की भी मांग की ताकि इस संबंध में केंद्र से संवाद हो सके। चुनावी संयुक्त घोषणा पत्र में भी यह वादा किया गया है कि सहारा के निवेशकों का पैसा दिलाने की पहल होगी
बंद पड़े सारे चेकपोस्ट होंगे तीन माह में आरंभ
कल्पना के सवाल पर सरकार का जवाब- गांडेय की झामुमो विधायक कल्पना सोरेन ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से राज्य में बंद पड़े चेकपोस्टों को फिर से चालू करने कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग के कई चेकपोस्ट बंद हो गए हैं। ऑनलाइन काम हो रहा है। इससे काफी कम राजस्व सरकार को मिल रहा है।
अभी मात्र 23 करोड़ रुपये ही राजस्व मिल पा रहा है। चेकपोस्ट आरंभ करने से सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। यह लगभग 100 करोड़ रुपये हो सकता है।
इस पर परिवहन मंत्री दीपक बिरूआ ने कहा कि परिवहन विभाग का चेकपोस्ट पहले काम करता था, अभी यह बंद है। उन्हें फिर से शुरू करने के लिए सरकार गंभीरता से विचार करेगी।
इस संबंध में बगल के राज्यों की नीति का आकलन किया जायेगा और उसके बाद चालू किया जाएगा। इससे 100 करोड़ मिलने की उम्मीद है। तीन महीने के अंदर इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि यह राजस्व से जुड़ा मामला है। सीमावर्ती क्षेत्र में चेकपोस्ट आरंभ हो तो सरकार को 250 से 300 करोड़ रुपये राजस्व मिलेगा।
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