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    हो जाएं सावधान! पैसे ऐंठने के लिए अब नई तरकीब अपना रहे साइबर ठग, कॉल आते ही बिना घबराएं करें यह काम

    Updated: Thu, 22 Feb 2024 01:45 PM (IST)

    साइबर ठगों ने आजकल दुष्‍कर्म करने का तरीका ही बदल दिया है। अब ये ओटीपी नहीं मांग रहे बल्कि बेटे का अपहरण हो जाने दुष्कर्म करते पकड़े जाने आदि का आरोप लगाकर परिवार को ब्लैकमेल कर पैसे की ठगी कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही इस बार हजारीबाग के सहजानंद मिस्त्री संग हुआ। उन्‍होंने रात को कॉल कर अपराधियों ने ऐसे किया परेशान।

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    साइबर अपराधियाें ने अपराध को अंजाम देने का तरीका बदल दिया है।

    संसू, हजारीबाग। सावधान हो जाइए, साइबर ठग ठगी को लेकर नित नए नए उपाय कर रहे हैं। अब ये ओटीपी नहीं मांग रहे, बल्कि बेटे का अपहरण हो जाने, दुष्कर्म करते पकड़े जाने आदि का आरोप लगाकर परिवार को ब्लैकमेल कर पैसे की ठगी कर रहे हैं। ताजा मामला शहर के पीटीसी चौक निवासी तकनीशियन सहजानंद मिस्त्री से जुड़ा हुआ है।

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    दुष्‍कर्म करते पकड़ा गया है आपका बेटा

    साइबर ठगों ने मंगलवार रात दस बजे इन्हें फोन कर अपना शिकार बनाया। भुक्तभोगी से दस हजार रुपए की ठगी कर ली और दूसरे किस्त के रुप में 12 हजार रुपए का भुगतान होता, इससे पहले इसका भांडाफोड़ हो गया। इस बाबत साइबर थाना में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है।

    दिए गए आवेदन में बताया गया है कि मंगलवार 10:15 बजे उनके मोबाइल पर एक फोन आया और कहा गया कि आपका बेटा मेरी गिरफ्त में है। वह एक लड़की के साथ दुष्कर्म करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है। लोग उसके साथ जमकर पिटाई कर रहे हैं।

    बेटे के चिल्‍लाने की आवाज सुन पिता के उड़े होश

    उधर से किसी के रोने और पिटाई करने का आवाज भी महानंद मिस्त्री को सुनाया गया। उन्हें ऐसा लगा कि उनका बेटा बार-बार चिल्ला रहा हो कि मुझे बचा लो मुझे बचा लो। महानंद मिस्त्री डर गए कुछ भी सोचने समझने की स्थिति शून्य हो गई।

    उधर से फोन पर उन्हें कहा गया कि अगर आपको अपने बेटे को बचाना है तो मैं जिस नंबर पर फोन किया हूं इसी नंबर पर दस हजार रुपए ट्रांसफर करो। महानंद मिस्त्री पुत्र मोह में इतना उलझ गए कि रो-रो कर उनका बुरा हाल होने लगा। उन्होंने आनन फानन में दो चरणों में अपराधी के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर दिया।

    जिस लड़की से किया दुष्‍कर्म उसकी हुई मौत

    इसके बाद फिर दूसरे नंबर से एक फोन आया और कहा गया कि तुम्हारे बेटे को अलग कमरे में हम बंद कर दिए हैं। बेटा सुरक्षित है लेकिन युवती की मौत हो गई है। इसलिए लोग ज्यादा उग्र हो रहे हैं। तुम 12 हजार रुपए और ट्रांसफर करो।

    उनके अकाउंट में पैसे नहीं थे तो उन्‍होंने अपने एक मित्र से संपर्क किया। दोस्‍त ने पूछा कि पैसे किसलिए? तो महानंद ने उन्‍हें पूरी बात बता दी। महानंद मिस्त्री के मित्र ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सीधे साइबर सेल से संपर्क किया जहां पाया गया कि वह नंबर फेक है।

    महानंद मिस्त्री साइबर ठगी का शिकार हो गए। इस क्रम में साइबर अपराधी लगातार लाइन पर था। 1 घंटे तक लाइन में रहते हुए महानंद मिस्त्री के गतिविधि को सुन रहा था जब अपराधी को लगा कि अब उसकी दाल नहीं गलने वाली है तो काफी गाली गलौज करने लगा और फोन काट दिया।

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