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    Jharkhand Politics: पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को बड़ा झटका,उनकी फैक्ट्री को एनटीपीसी ने किया ध्वस्त,साव ने दो अधिकारियों को बनाया बंधक

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 06:30 PM (IST)

    बड़कागांव के पूर्व विधायक सह पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव की फायर ब्रिक्स फैक्टरी को NTPC ने जमींदोज कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही साव जोरदाग कार्य स्थल पर अपने अंगरक्षकों के साथ पहुंचे। वहां सबसे पहले हाइवा चालकों और जेसीबी आपरेटर की पिटाई कर दी। कोयला ट्रांसपोर्टिंग को बंद करा दिया।

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    योगेंद्र साव की फैक्ट्री को एनटीपीसी ने किया जमींदोज।

    संवाद सूत्र, केरेडारी (हजारीबाग)। Jharkhand Politics बड़कागांव के पूर्व विधायक सह पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव की 30 वर्ष पूर्व चट्टी बरियातू कोल माइंस के अधिकृत क्षेत्र जोरदाग के झुमरी टांड़ में बनी लक्ष्मण सिरामिक आफ मिनरल फायर क्ले प्राईवेट लिमिटेड को शुक्रवार करीब दो बजे NTPC ने जमींदोज कर दिया।

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    इसकी सूचना मिलते ही श्री साव जोरदाग कार्य स्थल पर अपने अंगरक्षकों के साथ पहुंचे। वहां सबसे पहले हाइवा चालकों और जेसीबी आपरेटर की पिटाई कर दी। कोयला ट्रांसपोर्टिंग को बंद करा दिया।

    इसके आलावा एमडीओ ऋत्विक माइंस के सहायक प्रबंधक अनुराग गुप्ता और सेवानिवृत डीएसपी अवधेश सिंह को बंधक बना कर झुमरी टांड़ अपने घर में रखा। पुलिस प्रशासन ने करीब दो घंटे बाद उन्हें मुक्त कराया।

    Yogendra Sao पहले भी अपने अलग अंदाज को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। योगेंद्र साव की पत्नी निर्मला देवी तथा बेटी अंबा प्रसाद भी कांग्रेस से विधायक रही हैं।

    पूर्व मंत्री योगेंद्र साव का कहना था कि बिना मेरी जानकारी के और बिना मुआवजा भुगतान किए कैसे मेरी ईंट और चिमनी की संरचना को ध्वस्त किया गया। सीनियर मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त सीओ रामरतन कुमार वर्णवाल से वार्ता के बाद अधिकारियों को छोड़ा गया।

    इधर चट्टी बरियातू कोयला खनन परियोजना के एमडीओ ऋत्विक कोल माइंस ने एसडीओ के आदेश पर सीनियर मजिस्ट्रेट सीओ रामरतन कुमार वर्णवाल और जूनियर मजिस्ट्रेट अंकित पांडे तथा जिला पुलिस बल की मौजूदगी में खनन क्षेत्र में अवस्थित ईंट और चिमनी की संरचना को ध्वस्त कर दिया।

    क्योंकि कोयला खनन माइंस उक्त फैक्टरी के समीप आ चुकी है। साथ ही बताया है कि उक्त जमीन योगेंद्र साव के नाम पर है, लेकिन अभी तक जमीन का दाखिल खारिज नहीं हो सका है। शायद जमीन की प्रकृति गैरमजरुआ है। जिसका मुआवजा राज्य सरकार को दिया जाता है।

    फिर भी योगेंद्र साव को मुआवजा के लिए लिखित व मौखिक कहा गया है। लेकिन योगेंद्र साव ने अभी मुआवजे को एक साथ भुगतान करने की बात कही। इसके बाद एमडीओ कंपनी ने मुआवजे की राशि को बीते 15 जुलाई 2025 को ट्रिब्यूनल में जमा करा दिया है।

    इसके आधार पर ही एसडीओ ने 27 जुलाई 2025 को मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती के आदेश दिए। इस आलोक में खनन कंपनी ने योगेंद्र साव के ईंट एवं चिमनी की संरचना को जमींदोज किया।