Hazaribagh News: तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने 2 युवकों कौ रौंदा, आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम
Hazaribagh Accident News चरही-घाटो मार्ग पर तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने दो युवकों को कुचल दिया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान राजू चौहान और करण चौहान के रूप में हुई है। घटना के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया। पुलिस ने मुआवजे और सरकारी योजनाओं के तहत मदद का आश्वासन दिया जिसके बाद जाम हटाया गया।
संवाद सूत्र, चरही (हजारीबाग)। चरही थाना क्षेत्र के चरही-घाटो मार्ग पर स्थित तापीन, बयालीस नंबर में शुक्रवार की रात तेज रफ्तार अज्ञात स्कॉर्पियो ने दो युवकों को रौंद डाला। घटना रात करीब 9:15 बजे की है।
मृतकों की पहचान राजू चौहान (28 वर्ष) एवं करण चौहान (24 वर्ष) के रूप में हुई है। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने चरही पुलिस को सूचना दी।
गंभीर रूप से घायल दोनों युवकों को सीसीएल की एम्बुलेंस से हजारीबाग भेजा गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही दोनों की मौत हो गई।
ग्रामीणों ने किया सड़क जाम
हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क को जाम कर दिया, जिससे दोनों ओर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई।
सूचना मिलते ही चरही थाना प्रभारी गौतम कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया। सीसीटीवी फुटेज के जरिए स्कॉर्पियो की पहचान की कोशिश की जा रही है।
आश्वासन के बाद हटा जाम
ग्रामीण मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग पर अड़े थे। इसके बाद थाना प्रभारी ने मांडू सीओ विमल कुमार सिंह को मौके पर बुलाया। सीओ के समझाने और आश्वासन देने के बाद बातचीत आगे बढ़ी।
प्रशासन ने मांगों पर सहमति जताते हुए 40 हजार रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता, मृतकों के परिजनों को सरकारी योजनाओं के तहत लाभ, सीसीएल की निजी कंपनियों में रोजगार दिलाने में सहयोग, तेज रफ्तार पर नियंत्रण हेतु वाहन जांच अभियान और दोषी वाहन की शीघ्र गिरफ्तारी का आश्वासन दिया।
इन आश्वासनों के बाद देर रात लगभग 2 बजे सड़क जाम हटा। मृतक राजू और करण मूलतः बिहार के औरंगाबाद जिले के निवासी थे और बयालीस में मजदूरी कर अपना जीवनयापन कर रहे थे।
राजू की पत्नी दिव्यांग है और उसके तीन छोटे बच्चे हैं। प्रशासन ने परिवार को हर संभव मदद देने का वादा किया है।
मौके पर समाजसेवी उदय कुमार दांगी, मंटू चौहान, रमेश सोरेन, सूरज चौहान, सुनील मंडल, अनिल राम समेत कई लोग मौजूद रहे। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए, जिन्हें पैतृक गांव बिहार ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया।
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