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    सब्र करने वाले के साथ होता है अल्लाह

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 05 Jun 2017 06:31 PM (IST)

    इस्लाम में सब्र की बड़ी फजीलत आई है, कुरआन में फरमाया गया- 'सब्र करने वालों के साथ अल्लाह है।' सब्र य

    सब्र करने वाले के साथ होता है अल्लाह

    इस्लाम में सब्र की बड़ी फजीलत आई है, कुरआन में फरमाया गया- 'सब्र करने वालों के साथ अल्लाह है।' सब्र यह है कि अपनी कोई भी चीज चाहे वह कितनी ही बड़ी क्यों न हो, हाथ से जाती रहे तो, हम न हिम्मत खो बैठे और न रोएं धोएं। अल्लाह के फैसले पर राजी रहें और इस यकीन को बनाए रखें कि लिया उसी ने है, जिसने दिया था। इससे इच्छा इस्तेमाल हो भी क्या सकता है। ये भी यकीन रखें कि अल्लाह का कोई भी काम बेमकसद नहीं होता। अगर हम सब्र से काम लेते हैं, तो वह हम से खुश होगा और आखिर में अच्छे से अच्छा बदला भी देगा।

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    अल्लाह ने अपने पैगंबर अय्यूब (अ) की परीक्षा ली। पहले उन्हें खूबसूरती के साथ बेहिसाब धन-संपत्ति दी। कई संतान दिये, लेकिन परीक्षा के क्रम में उनके सभी संतानों की मौत हो जाती है। वे खुद गंभीर रूप से बीमार होकर सात वर्ष तक बिस्तर में रहे। सारी दौलत खत्म हो जाती है। उनकी सभी बकरियां समुद्री तूफान में बह जाती हैं। खराब मौसम के कारण सभी ऊंटों की मौत हो जाती है। इसके बावजूद उन्होंने सब्र से काम लिया और अल्लाह से शिकायत नहीं की। अल्लाह ने कुरआन में प्रशंसा करते हुए फरमाया- 'अय्यूब क्या ही बेहतरीन सब्र करने वाला है।' अल्लाह ने सब्र की वजह से फिर से धन-दौलत, संतान, जानवर सहित सभी चीजों पहले से ज्यादा उन्हें अता कर दिया। कुरआन में है कि सब्र से दुनिया में अल्लाह की मदद और आखिरत में अल्लाह की खुशनुदी हासिल होगी। अल्लाह के रसूल (सø) ने फरमाया- मोमिन का मामला बड़ा अजीब है। उसके सारे मामले उसके लिए भलाई के ही होते हैं। उसकी कोई भली बात पेश आती है, तो वह अल्लाह का शुक्र अदा करता है। तो उसमें उसके लिए भलाई ही होती है। और जब उसे कोई तकलीफ की बात पेश आती है, तो सब्र से काम लेता है और उसमें भी उसके लिए भलाई होती है। (बुखारी व मुस्लिम) एक अन्य हदीस में अल्लाह के रसूल (सø) ने फरमाया कि मोमिन मर्दों और औरतों पर कभी-कभी आजमाइशें आती रहती हैं। (तिरमिजि शरीफ) माह-ए-रमजान में भी सब्र का इतिहान अल्लाह लेते हैं इसके बदले में हम नेक इंसान बन जाते हैं जो इंसानियत को बर्बाद होते कभी भी नहीं देख सकते हैं। इस इंसानियत की हिफाजत की वजह से अल्लाह इसका बदला उनके आल तक देते नजर आते हैं। अल्लाह हम सब को सब्र करने की ताकत दें। (आमीन)